अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31
  32. 32
  33. 33
  34. 34
  35. 35
  36. 36
  37. 37
  38. 38
  39. 39
  40. 40
  41. 41
  42. 42
  43. 43
  44. 44
  45. 45
  46. 46
  47. 47
  48. 48

पुराना विधान

नया विधान

यहेजकेल 9 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर उसने मेरे कानों में ऊंचे शब्द से पुकार कर कहा, नगर के अधिकारियों को अपने अपने हाथ में नाश करने का हथियार लिए हुए निकट लाओ।

2. इस पर छ: पुरुष, उत्तर की ओर ऊपरी फाटक के मार्ग से अपने अपने हाथ में घात करने का हथियार लिए हुए आए; और उनके बीच सन का वस्त्र पहिने, कमर में लिखने की दवात बान्धे हुए एक और पुरुष था; और वे सब भवन के भीतर जा कर पीतल की वेदी के पास खड़े हुए।

3. और इस्राएल के परमेश्वर का तेज करूबों पर से, जिनके ऊपर वह रहा करता था, भवन की डेवढ़ी पर उठ आया था; और उसने उस सन के वस्त्र पहिने हुए पुरुष को जो कमर में दवात बान्धे हुए था, पुकारा।

4. और यहोवा ने उस से कहा, इस यरूशलेम नगर के भीतर इधर उधर जा कर जितने मनुष्य उन सब घृणित कामों के कारण जो उस में किए जाते हैं, सांसें भरते और दु:ख के मारे चिल्लाते हैं, उनके माथों पर चिन्ह कर दे।

5. तब उसने मेरे सुनते हुए दूसरों से कहा, नगर में उनके पीछे पीछे चल कर मारते जाओ; किसी पर दया न करना और न कोमलता से काम करना।

6. बूढ़े, युवा, कुंवारी, बाल-बच्चे, स्त्रियां, सब को मार कर नाश करो, परन्तु जिस किसी मनुष्य के माथे पर वह चिन्ह हो, उसके निकट न जाना। और मेरे पवित्र स्थान ही से आरम्भ करो। और उन्होंने उन पुरनियों से आरम्भ किया जो भवन के साम्हने थे।

7. फिर उसने उन से कहा, भवन को अशुद्ध करो, और आंगनों को लोथों से भर दो। चलो, बाहर निकलो। तब वे निकल कर नगर में मारने लगे।

8. जब वे मार रहे थे, और मैं अकेला रह गया, तब मैं मुंह के बल गिरा और चिल्लाकर कहा, हाय प्रभु यहोवा! क्या तू अपनी जलजलाहट यरूशलेम पर भड़का कर इस्राएल के सब बचे हुओं को भी नाश करेगा?

9. तब उसने मुझ से कहा, इस्राएल और यहूदा के घरानों का अधर्म अत्यन्त ही अधिक है, यहां तक कि देश हत्या से और नगर अन्याय से भर गया है; क्योंकि वे कहते हें कि यहोवा ने पृथ्वी को त्याग दिया और यहोवा कुछ नहीं देखता।

10. इसलिये उन पर दया न होगी, न मैं कोमलता करूंगा, वरन उनकी चाल उन्हीं के सिर लौटा दूंगा।

11. तब मैं ने क्या देखा, कि जो पुरुष सन का वस्त्र पहिने हुए और कमर में दवात बान्धे था, उसने यह कह कर समाचार दिया, जैसे तू ने आज्ञा दी, मैं ने वैसे ही किया है।