अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31
  32. 32
  33. 33
  34. 34
  35. 35
  36. 36
  37. 37
  38. 38
  39. 39
  40. 40
  41. 41
  42. 42
  43. 43
  44. 44
  45. 45
  46. 46
  47. 47
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नया विधान

यहेजकेल 34 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

2. हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के चरवाहों के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर के उन चरवाहों से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, हाय इस्राएल के चरवाहों पर जो अपने अपने पेट भरते हैं! क्या चरवाहों को भेड़- बकरियों का पेट न भरना चाहिए?

3. तुम लोग चर्बी खाते, ऊन पहिनते और मोटे मोटे पशुओं को काटते हो; परन्तु भेड़-बकरियों को तुम नहीं चराते।

4. तुम ने बीमारों को बलवान न किया, न रोगियों को चंगा किया, न घायलों के घावों को बान्धा, न निकाली हुई को फेर लाए, न खोई हुई को खोजा, परन्तु तुम ने बल और जबरदस्ती से अधिकार चलाया है।

5. वे चरवाहे के न होने के कारण तितर-बितर हुई; और सब वनपशुओं का आहार हो गईं।

6. मेरी भेड़-बकरियां तितर-बितर हुई हैं; वे सारे पहाड़ों और ऊंचे ऊंचे टीलों पर भटकती थीं; मेरी भेड़-बकरियां सारी पृथ्वी के ऊपर तितर-बितर हुईं; और न तो कोई उनकी सुधि लेता था, न कोई उन को ढूंढ़ता था।

7. इस कारण, हे चरवाहो, यहोवा का वचन सुनो।

8. परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मेरी भेड़-बकरियां जो लुट गई, और मेरी भेड़-बकरियां जो चरवाहे के न होने के कारण सब वनपशुओं का आहार हो गई; और इसलिये कि मेरे चरवाहों ने मेरी भेड़-बकरियोंकी सुधि नहीं ली, और मेरी भेड़- बकरियों का पेट नहीं, अपना ही अपना पेट भरा;

9. इस कारण हे चरवाहो, यहोवा का वचन सुनो,

10. परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, देखो, मैं चरवाहों के विरुद्ध हूँ; और मैं उन से अपनी भेड़-बकरियों का लेखा लूंगा, और उन को फिर उन्हें चराने न दूंगा; वे फिर अपना अपना पेट भरने न पाएंगे। मैं अपनी भेड़-बकरियां उनके मुंह से छुड़ाऊंगा कि आगे को वे उनका आहार न हों।

11. क्योंकि परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देखो, मैं आप ही अपनी भेड़-बकरियों की सुधि लूंगा, और उन्हें ढूंढ़ूंगा।

12. जैसे चरवाहा अपनी भेड़-बकरियों में से भटकी हुई को फिर से अपने झुण्ड में बटोरता है, वैसे ही मैं भी अपनी भेड़-बकरियों को बटोरूंगा; मैं उन्हे उन सब स्थानों से निकाल ले आऊंगा, जहां जहां वे बादल और घोर अन्धकार के दिन तितर-बितर हो गई हों।

13. और मैं उन्हें देश देश के लोगों में से निकालूंगा, और देश देश से इकट्ठा करूंगा, और उन्हीं के निज भूमि में ले आऊंगा; और इस्राएल के पहाड़ों पर ओर नालों में और उस देश के सब बसे हुए स्थानों में चराऊंगा।

14. मैं उन्हें अच्छी चराई में चराऊंगा, और इस्राएल के ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर उन को चराई मिलेगी; वहां वे अच्छी हरियाली में बैठा करेंगी, और इस्राएल के पहाड़ों पर उत्तम से उत्तम चराई चरेंगी।

15. मैं आप ही अपनी भेड़-बकरियों का चरवाहा हूंगा, और मैं आप ही उन्हें बैठाऊंगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

16. मैं खोई हुई को ढूंढ़ूंगा, और निकाली हुई को फेर लाऊंगा, और घायल के घाव बान्धूंगा, और बीमार को बलवान् करूंगा, और जो मोटी और बलवन्त हैं उन्हें मैं नाश करूंगा; मैं उनकी चरवाही न्याय से करूंगा।

17. और हे मेरे झुण्ड, तुम से परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देखो मैं भेड़-भेड़ के बीच और मेढ़ों और बकरों के बीच न्याय करता हूँ।

18. क्या तुम्हें यह छोटी बात जान पड़ती है कि तुम अच्छी चराई चर लो और शेष चराई को अपने पांवों से रौंदो; और क्या तुम्हें यह छोटी बात जान पड़ती है कि तुम निर्मल जल पी लो और शेष जल को अपने पांवों से गंदला करो?

19. और क्या मेरी भेड़-बकरियों को तुम्हारे पांवों से रौंदे हुए को चरना, और तुम्हारे पांवों से गंदले किए हुए को पीना पड़ेगा?

20. इस कारण परमेश्वर यहोवा उन से यों कहता है, देखो, मैं आप मोटी और दुबली भेड़-बकरियों के बीच न्याय करूंगा।

21. तुम जो सब बीमारों को पांजर और कन्धे से यहां तक ढकेलते और सींग से यहां तक मारते हो कि वे तितर-बितर हो जाती हैं,

22. इस कारण मैं अपनी भेड़-बकरियों को छुड़ाऊंगा, और वे फिर न लुटेंगी, और मैं भेड़-भेड़ के और बकरी-बकरी के बीच न्याय करूंगा।

23. और मैं उन पर ऐसा एक चरवाहा ठहराऊंगा जो उनकी चरवाही करेगा, वह मेरा दास दाऊद होगा, वही उन को चराएगा, और वही उनका चरवाहा होगा।

24. और मैं, यहोवा, उनका परमेश्वर ठहरूंगा, और मेरा दास दाऊद उनके बीच प्रधान होगा; मुझ यहोवा ही ने यह कहा है।

25. मैं उनके साथ शान्ति की वाचा बान्धूंगा, और दुष्ट जन्तुओं को देश में न रहने दूंगा; सो वे जंगल में निडर रहेंगे, और वन में सोएंगे।

26. और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी।

27. और मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़ कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊंगा, जो उन से सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

28. वे फिर जाति-जाति से लूटे न जाएंगे, और न वनपशु उन्हें फाड़ खाएंगे; वे निडर रहेंगे, और उन को कोई न डराएगा।

29. और मैं उनके लिये महान बारियें उपजाऊंगा, और वे देश में फिर भूखों न मरेंगे, और न जाति-जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे।

30. और वे जानेंगे कि मैं परमेश्वर यहोवा, उनके संग हूँ, और वे जो इस्राएल का घराना है, वे मेरी प्रजा हैं, मुझ परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

31. तुम तो मेरी भेड़-बकरियां, मेरी चराई की भेड़-बकरियां हो, तुम तो मनुष्य हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।