अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31
  32. 32
  33. 33
  34. 34
  35. 35
  36. 36
  37. 37
  38. 38
  39. 39
  40. 40
  41. 41
  42. 42
  43. 43
  44. 44
  45. 45
  46. 46
  47. 47
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पुराना विधान

नया विधान

यहेजकेल 15 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

2. हे मनुष्य के सन्तान, सब वृक्षों में अंगूर की लता की क्या श्रेष्टता है? अंगूर की शाखा जो जंगल के पेड़ों के बीच उत्पन्न होती है, उस में क्या गुण है?

3. क्या कोई वस्तु बनाने के लिये उस में से लकड़ी ली जाती, वा कोई बर्तन टांगने के लिये उस में से खूंटी बन सकती है?

4. वह तो ईन्धन बना कर आग में झोंकी जाती है; उसके दोनों सिरे आग से जल जाते, और उसके बीच का भाग भस्म हो जाता है, क्या वह किसी भी काम की है?

5. देख, जब वह बनी थी, तब भी वह किसी काम की न थी, फिर जब वह आग का ईन्धन हो कर भस्म हो गई है, तब किस काम की हो सकती है?

6. सो प्रभु यहोवा यों कहता है, जैसे जंगल के पेड़ों में से मैं अंगूर की लता को आग का ईन्धन कर देता हूँ, वैसे ही मैं यरूशलेम के निवासियों को नाश कर दूंगा।

7. मैं उन से विरुद्ध हूंगा, और वे एक आग में से निकल कर फिर दूसरी आग का ईन्धन हो जाएंगे; और जब मैं उन से विमुख हूंगा, तब तुम लोग जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

8. और मैं उनका देश उजाड़ दूंगा, क्योंकि उन्होंने मुझ से विश्वासघात किया है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।