अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31
  32. 32
  33. 33
  34. 34
  35. 35
  36. 36
  37. 37
  38. 38
  39. 39
  40. 40
  41. 41
  42. 42
  43. 43
  44. 44
  45. 45
  46. 46
  47. 47
  48. 48

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नया विधान

यहेजकेल 21 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

2. हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख यरूशलेम की ओर कर और पवित्र स्थानों की ओर वचन सुना; इस्राएल देश के विषय में भविष्यद्वाणी कर और उस से कह,

3. प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, ओर अपनी तलवार मियान में से खींच कर तुझ में से धमीं और अधर्मी दोनों को नाश करूंगा।

4. इसलिये कि मैं तुझ में से धमीं और अधमीं सब को नाश करने वाला हूँ, इस कारण, मेरी तलवार मियान से निकल कर दक्खिन से उत्तर तक सब प्राणियों के विरुद्ध चलेगी;

5. तब सब प्राणी जान लेंगे कि यहोवा ने मियान में से अपनी तलवार खींची है; ओर वह उस में फिर रखी न जाएगी।

6. सो हे मनुष्य के सन्तान, तू आह मार, भारी खेद कर, और टूटी कमर ले कर लोगों के साम्हने आह मार।

7. और जब वे तुझ से पूछें कि तू क्यों आह मारता है, तब कहना, समाचार के कारण। क्योंकि ऐसी बात आने वाली है कि सब के मन टूट जाएंगे और सब के हाथ ढीले पड़ेंगे, सब की आत्मा बेबस और सब के घुटने निर्बल हो जाएंगे। देखो, ऐसी ही बात आने वाली है, और वह अवश्य पूरी होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

8. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर के कह,

9. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देख, सान चढ़ाई हुई तलवार, और झलकाई हुई तलवार!

10. वह इसलिये सान चढ़ाई गई कि उस से घात किया जाए, और इसलिये झलकाई गई कि बिजली की नाईं चमके! तो क्या हम हर्षित हों? वह तो यहोवा के पुत्र का राजदण्ड है और सब पेड़ों को तुच्छ जानने वाला है।

11. और वह झलकाने को इसलिये दी गई कि हाथ में ली जाए; वह इसलिये सान चढ़ाई और झलकाई गई कि घात करने वालों के हाथ में दी जाए।

12. हे मनुष्य के सन्तान चिल्ला, और हाय, हाय, कर! क्योंकि वह मेरी प्रजा पर चला चाहती है, वह इस्राएल के सारे प्रधानों पर चला चाहती है; मेरी प्रजा के संग वे भी तलवार के वश में आ गए। इस कारण तू अपनी छाती पीट।

13. क्योंकि सचमुच उसकी जांच हुई है, और यदि उसे तुच्छ जानने वाला राजदण्ड भी न रहे, तो क्या? परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

14. सो हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर, और हाथ पर हाथ दे मार, और तीन बार तलवार का बल दुगुना किया जाए; वह तो घात करने की तलवार वरन बड़े से बड़े के घात करने की तलवार है, जिस से कोठरियों में भी कोई नहीं बच सकता।

15. मैं ने घात करने वाली तलवार को उनके सब फाटकों के विरुद्ध इसलिये चलाया है कि लोगों के मन टूट जाएं, और वे बहुत ठोकर खाएं। हाय, हाय! वह तो बिजली के समान बनाई गई, और घात करने को सान चढ़ाई गई है।

16. सिकुड़कर दाहिनी ओर जा, फिर तैयार हो कर बाईं ओर मुड़, जिधर भी तेरा मुख हो।

17. मैं भी ताली बजाऊंगा और अपनी जलजलाहट को ठंडा करूंगा, मुझ यहोवा ने ऐसा कहा है।

18. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

19. हे मनुष्य के सन्तान, दो मार्ग ठहरा ले कि बाबुल के राजा की तलवार आए; दोनों मार्ग एक ही देश से निकलें! फिर एक चिन्ह कर, अर्थात नगर के मार्ग के सिर पर एक चिन्ह कर;

20. एक मार्ग ठहरा कि तलवार अम्मोनियों के रब्बा नगर पर, और यहूदा देश के गढ़ वाले नगर यरूशलेम पर भी चले।

21. क्योंकि बाबुल का राजा तिर्मुहाने अर्थात दोनों मार्गों के निकलने के स्थान पर भावी बूझने को खड़ा हुआ है, उसने तीरों को हिला दिया, और गृहदेवताओं से प्रश्न किया, और कलेजे को भी देखा।

22. उसके दाहिने हाथ में यरूशलेम का नाम है कि वह उसकी ओर युद्ध के यन्त्र लगाए, और गला फाड़कर घात करने की आज्ञा दे और ऊंचे शब्द से ललकारे, फाटकों की ओर युद्ध के यन्त्र लगाए और दमदमा बान्धे और कोट बनाए।

23. परन्तु लोग तो उस भावी कहने को मिथ्या समझेंगे; उन्होंने जो उनकी शपथ खाई है; इस कारण वह उनके अधर्म का स्मरण करा कर उन्हें पकड़ लेगा।

24. इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, इसलिये कि तुम्हारा अधर्म जो स्मरण किया गया है, और तुम्हारे अपराध जो खुल गए हैं, क्योंकि तुम्हारे सब कामों में पाप ही पाप दिखाई पड़ा है, और तुम स्मरण में आए हो, इसलिये तुम उन्हीं से पकड़े जाओगे।

25. और हे इस्राएल दुष्ट प्रधान, तेरा दिन आ गया है; अधर्म के अन्त का समय पहुंच गया है।

26. तेरे विषय में परमेश्वर यहोवा यों कहता है, पगड़ी उतार, और मुकुट भी उतार दे; वह ज्यों का त्यों नहीं रहने का; जो नीचा है उसे ऊंचा कर और जो ऊंचा है उसे नीचा कर।

27. मैं इस को उलट दूंगा और उलट पुलट कर दूंगा; हां उलट दूंगा और जब तक उसका अधिकारी न आए तब तक वह उलटा हुआ रहेगा; तब मैं उसे दे दूंगा।

28. फिर हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर के कह कि प्रभु यहोवा अम्मोनियों और उनकी की हुई नामधराई के विषय में यों कहता है; तू यों कह, खींची हुई तलवार है, वह तलवार घात के लिये झलकाई हुई है कि नाश करे और बिजली के समान हो---

29. जब तक कि वे तेरे विषय में झूठे दर्शन पाते, और झूठे भावी तुझ को बताते हैं---कि तू उन दुष्ट असाध्य घायलों की गर्दनों पर पड़े जिनका दिन आ गया, और जिनके अधर्म के अन्त का समय आ पहुंचा है।

30. उसको मियान में फिर रख। जिस स्थान में तू सिरजी गई और जिस देश में तेरी उत्पत्ति हुई, उसी में मैं तेरा न्याय करूंगा।

31. और मैं तुझ पर अपना क्रोध भड़काऊंगा और तुझ पर अपनी जलजलाहट की आग फूंक दूंगा; ओर तुझे पशु सरीखे मनुष्य के हाथ कर दूंगा जो नाश करने में निपुण हैं।

32. तू आग का कौर होगी; तेरा खून देश में बना रहेगा; तू स्मरण में न रहेगी क्योंकि मुझ यहोवा ही ने ऐसा कहा है।