अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31

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नया विधान

1 शमूएल 11 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. तब अम्मोनी नाहाश ने चढ़ाई करके गिलाद के याबेश के विरुद्ध छावनी डाली; और याबेश के सब पुरूषों ने नाहाश से कहा, हम से वाचा बान्ध, और हम तेरी आधीनता मान लेंगे।

2. अम्मोनी नाहाश ने उन से कहा, मैं तुम से वाचा इस शर्त पर बान्धूंगा, कि मैं तुम सभों की दाहिनी आंखें फोड़कर इसे सारे इस्राएल की नामधराई का कारण कर दूं।

3. याबेश के वृद्ध लोगों ने उस से कहा, हमें सात दिन का अवकाश दे तब तक हम इस्राएल के सारे देश में दूत भेजेंगे। और यदि हम को कोई बचाने वाला न मिलेगा, तो हम तेरे ही पास निकल आऐंगे।

4. दूतों ने शाऊल वाले गिबा में आकर लोगों को यह सन्देश सुनाया, और सब लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे।

5. और शाऊल बैलों के पीछे पीछे मैदान से चला आता था; और शाऊल ने पूछा, लोगों को क्या हुआ कि वे रोते हैं? उन्होंने याबेश के लोगों का सन्देश उसे सुनाया।

6. यह सन्देश सुनते ही शाऊल पर परमेश्वर का आत्मा बल से उतरा, और उसका कोप बहुत भड़क उठा।

7. और उसने एक जोड़ी बैल ले कर उसके टुकड़े टुकड़े काटे, और यह कहकर दूतों के हाथ से इस्राएल के सारे देश में कहला भेजा, कि जो कोई आकर शाऊल और शमूएल के पीछे न हो लेगा उसके बैलों से ऐसा ही किया जाएगा। तब यहोवा का भय लोगों में ऐसा समाया कि वे एक मन हो कर निकल आए।

8. तब उसने उन्हें बेजेक में गिन लिया, और इस्राएलियों के तीन लाख, और यहूदियों के तीस हजार ठहरे।

9. और उन्होंने उन दूतों से जो आए थे कहा, तुम गिलाद में के याबेश के लोगों से यों कहो, कि कल धूप तेज होने की घड़ी तक तुम छुटकारा पाओगे। तब दूतों ने जा कर याबेश के लोगों को सन्देश दिया, और वे आनन्दित हुए।

10. तब याबेश के लोगों ने कहा, कल हम तुम्हारे पास निकल आएंगे, और जो कुछ तुम को अच्छा लगे वही हम से करना।

11. दूसरे दिन शाऊल ने लोगों के तीन दल किए; और उन्होंने रात के पिछले पहर में छावनी के बीच में आकर अम्मोनियों को मारा; और घाम के कड़े होने के समय तक ऐसे मारते रहे कि जो बच निकले वह यहां तक तितर बितर हुए कि दो जन भी एक संग कहीं न रहे।

12. तब लोग शमूएल से कहने लगे, जिन मनुष्यों ने कहा था, कि क्या शाऊल हम पर राज्य करेगा? उन को लाओ कि हम उन्हें मार डालें।

13. शाऊल ने कहा, आज के दिन कोई मार डाला न जाएगा; क्योंकि आज यहोवा ने इस्राएलियों को छुटकारा दिया है॥

14. तब शमूएल ने इस्राएलियों से कहा, आओ, हम गिलगाल को चलें, और वहां राज्य को नये सिरे से स्थापित करें।

15. तब सब लोग गिलगाल को चले, और वहां उन्होंने गिलगाल में यहोवा के साम्हने शाऊल को राजा बनाया; और वहीं उन्होंने यहोवा को मेलबलि चढ़ाए; और वहीं शाऊल और सब इस्राएली लोगों ने अत्यन्त आनन्द मनाया॥