अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31

पुराना विधान

नया विधान

1 शमूएल 5 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. और पलिश्तियों ने परमेश्वर का सन्दूक एबनेज़ेर से उठा कर अशदोद में पहुंचा दिया;

2. फिर पलिश्तियों ने परमेश्वर के सन्दूक को उठा कर दागोन के मन्दिर में पहुंचाकर दागोन के पास धर दिया।

3. बिहान को अशदोदियों ने तड़के उठ कर क्या देखा, कि दागोन यहोवा के सन्दूक के साम्हने औंधे मूंह भूमि पर गिरा पड़ा है। तब उन्होंने दागोन को उठा कर उसी के स्थान पर फिर खड़ा किया।

4. फिर बिहान को जब वे तड़के उठे, तब क्या देखा, कि दागोन यहोवा के सन्दूक के साम्हने औंधे मुंह भूमि पर गिरा पड़ा है; और दागोन का सिर और दोनों हथेलियां डेवढ़ी पर कटी हुई पड़ी हैं; निदान दागोन का केवल धड़ समूचा रह गया।

5. इस कारण आज के दिन तक भी दागोन के पुजारी और जितने दागोन के मन्दिर में जाते हैं, वे अशदोद में दागोन की डेवढ़ी पर पांव नहीं धरते॥

6. तब यहोवा का हाथ अशदोदियों के ऊपर भारी पड़ा, और वह उन्हें नाश करने लगा; और उसने अशदोद और उसके आस पास के लोगों के गिलटियां निकालीं।

7. यह हाल देखकर अशदोद के लोगों ने कहा, इस्राएल के देवता का सन्दूक हमारे मध्य रहने नहीं पाएगा; क्योंकि उसका हाथ हम पर और हमारे देवता दागोन पर कठोरता के साथ पड़ा है।

8. तब उन्होंने पलिश्तियों के सब सरदारों को बुलवा भेजा, और उन से पूछा, हम इस्राएल के देवता के सन्दूक से क्या करें? वे बोले, इस्राएल के परमेश्वर के सन्दूक को घूमाकर गत में पहुंचाया जाए। तो उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर के सन्दूक को घुमाकर गत में पहुंचा दिया।

9. जब वे उसको घुमाकर वहां पहुंचे, तो यूं हुआ कि यहोवा का हाथ उस नगर के विरुद्ध ऐसा उठा कि उस में अत्यन्त हलचल मच गई; ओर उसने छोटे से बड़े तब उस नगर के सब लोगों को मारा, और उनके गिलटियां निकलने लगीं।

10. तब उन्होंने परमेश्वर का सन्दूक एक्रोन को भेजा और ज्योंही परमेश्वर का सन्दूक एक्रोन में पहुंचा त्योंही एक्रोनी यह कहकर चिल्लाने लगे, कि इस्राएल के देवता का सन्दूक घुमाकर हमारे पास इसलिये पहुंचाया गया है, कि हम और हमारे लोगों को मरवा डाले।

11. तब उन्होंने पलिश्तियों के सब सरदारों को इकट्ठा किया, और उन से कहा, इस्राएल के देवता के सन्दूक को निकाल दो, कि वह अपने स्थान पर लौट जाए, और हम को और हमारे लोगों को मार डालने न पाए। उस समस्त नगर में तो मृत्यु के भय की हलचल मच रही थी, और परमेश्वर का हाथ वहां बहुत भारी पड़ा था।

12. और जो मनुष्य न मरे वे भी गिलटियों के मारे पड़े रहे; और नगर की चिल्लाहट आकाश तक पहुंची॥