1. अपने मुंह में नरसिंगा लगा। वह उकाब की नाईं यहोवा के घर पर झपटेगा, क्योंकि मेरे घर के लोगों ने मेरी वाचा तोड़ी, और मेरी व्यवस्था का उल्लंघन किया है।
2. वे मुझ से पुकार कर कहेंगे, हे हमारे परमेश्वर, हम इस्राएली लोग तुझे जानते हैं।
3. परन्तु इस्राएल ने भलाई को मन से उतार दिया है; शत्रु उसके पीछे पड़ेगा॥
4. वे राजाओं को ठहराते रहे, परन्तु मेरी इच्छा से नहीं। वे हाकिमों को भी ठहराते रहे, परन्तु मेरे अनजाने में। उन्होंने अपना सोना-चान्दी ले कर मूरतें बना लीं जिस से वे ही नाश हो जाएं।
5. हे शोमरोन, उसने तेरे बछड़े को मन से उतार दिया है, मेरा क्रोध उन पर भड़का है। वे निर्दोष होने में कब तक विलम्ब करेंगे?