उसके बीच में सब जाति के वनपशु झुंड के झुंड बैठेंगे; उसके खम्भों की कंगनियों पर धनेश और साही दोनों रात को बसेरा करेंगे और उसकी खिड़कियों में बोला करेंगे; उसकी डेवढिय़ां सूनी पड़ी रहेंगी, और देवदार की लकड़ी उघारी जाएगी।