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श्रेष्ठगीत 4:6-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

6. जब तक दिन ठण्डा न हो, और छाया लम्बी होते होते मिट न जाए, तब तक मैं शीघ्रता से गन्धरस के पहाड़ और लोबान की पहाड़ी पर चला जाऊंगा।

7. हे मेरी प्रिय तू सर्वांग सुन्दरी है; तुझ में कोई दोष नहीं।

8. हे मेरी दुल्हिन, तू मेरे संग लबानोन से, मेरे संग लबानोन से चली आ। तू आमाना की चोटी पर से, शनीर और हेर्मोन की चोटी पर से, सिहों की गुफाओं से, चितों के पहाड़ों पर से दृष्टि कर।

9. हे मेरी बहिन, हे मेरी दुल्हिन, तू ने मेरा मन मोह लिया है, तू ने अपनी आंखों की एक ही चितवन से, और अपने गले के एक ही हीरे से मेरा हृदय मोह लिया है।

10. हे मेरी बहिन, हे मेरी दुल्हिन, तेरा प्रेम क्या ही मनोहर है! तेरा प्रेम दाखमधु से क्या ही उत्तम है, और तेरे इत्रोंका सुगन्ध इस प्रकार के मसालों के सुगन्ध से!

11. हे मेरी दुल्हिन, तेरे होठों से मधु टपकता है; तेरी जीभ के नीचे मधु ओर दूध रहता है; तेरी जीभ के नीचे मधु और दूध रहता है; तेरे वस्त्रों का सुगन्ध लबानोन का सा है।

12. मेरी बहिन, मेरी दुल्हिन, किवाड़ लगाई हुई बारी के समान, किवाड़ बन्द किया हुआ सोता, ओर छाप लगाया हुआ झरना है।

13. तेरे अंकुर उत्तम फलवाली अनार की बारी के तुल्य है, जिस में मेंहदी और सुम्बुल,

14. जटामासी और केसर, लोबान के सब भांति के पेड़, मुश्क और दालचीनी, गन्धरस, अगर, आदि सब मुख्य मुख्य सुगन्ध द्रव्य होते हैं।

15. तू बारियों का सोता है, फूटते हुए जल का कुआँ, और लबानोन से बहती हुई धाराएं हैं॥

16. हे उत्तर वायु जाग, और हे दक्खिनी वायु चली आ! मेरी बारी पर बह, जिस से उसका सुगन्ध फैले। मेरा प्रेमी अपनी बारी में आये, और उसके उत्तम उत्तम फल खाए॥

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