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व्यवस्थाविवरण 4:13-25 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. और उसने तुम को अपनी वाचा के दसों वचन बताकर उनके मानने की आज्ञा दी; और उन्हें पत्थर की दो पटियाओं पर लिख दिया।

14. और मुझ को यहोवा ने उसी समय तुम्हें विधि और नियम सिखाने की आज्ञा दी, इसलिये कि जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो उस में तुम उन को माना करो।

15. इसलिये तुम अपने विषय में बहुत सावधान रहना। क्योंकि जब यहोवा ने तुम से होरेब पर्वत पर आग के बीच में से बातें की तब तुम को कोई रूप न देख पड़ा,

16. कहीं ऐसा न हो कि तुम बिगड़कर चाहे पुरूष चाहे स्त्री के,

17. चाहे पृथ्वी पर चलने वाले किसी पशु, चाहे आकाश में उड़ने वाले किसी पक्षी के,

18. चाहे भूमि पर रेंगने वाले किसी जन्तु, चाहे पृथ्वी के जल में रहने वाली किसी मछली के रूप की कोई मूर्ति खोदकर बना लो,

19. वा जब तुम आकाश की ओर आंखे उठा कर, सूर्य, चंद्रमा, और तारों को, अर्थात आकाश का सारा तारागण देखो, तब बहककर उन्हें दण्डवत करके उनकी सेवा करने लगो जिन को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने धरती पर के सब देश वालों के लिये रखा है।

20. और तुम को यहोवा लोहे के भट्ठे के सरीखे मिस्र देश से निकाल ले आया है, इसलिये कि तुम उसकी प्रजारूपी निज भाग ठहरो, जैसा आज प्रगट है।

21. फिर तुम्हारे कारण यहोवा ने मुझ से क्रोध करके यह शपथ खाई, कि तू यरदन पार जाने न पाएगा, और जो उत्तम देश इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उन्हें उनका निज भाग करके देता है उस में तू प्रवेश करने न पाएगा।

22. किन्तु मुझे इसी देश में मरना है, मैं तो यरदन पार नहीं जा सकता; परन्तु तुम पार जा कर उस उत्तम देश के अधिकारी हो जाओगे।

23. इसलिये अपने विषय में तुम सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम उस वाचा को भूलकर, जो तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम से बान्धी है, किसी और वस्तु की मूर्ति खोदकर बनाओ, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को मना किया है।

24. क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा भस्म करने वाली आग है; वह जल उठने वाला परमेश्वर है॥

25. यदि उस देश में रहते रहते बहुत दिन बीत जाने पर, और अपने बेटे-पोते उत्पन्न होने पर, तुम बिगड़कर किसी वस्तु के रूप की मूर्ति खोदकर बनाओ, और इस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति बुराई करके उसे अप्रसन्न कर दो,

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