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व्यवस्थाविवरण 27:18-26 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

18. शापित हो वह जो अन्धे को मार्ग से भटका दे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

19. शापित हो वह जो परदेशी, अनाथ, वा विधवा का न्याय बिगाड़े। तब सब लोग कहें आमीन॥

20. शापित हो वह जो अपनी सौतेली माता से कुकर्म करे, क्योकिं वह अपने पिता का ओढ़ना उघाड़ता है। तब सब लोग कहें, आमीन॥

21. शापित हो वह जो किसी प्रकार के पशु से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

22. शापित हो वह जो अपनी बहिन, चाहे सगी हो चाहे सौतेली, उस से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

23. शापित हो वह जो अपनी सास के संग कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

24. शापित हो वह जो किसी को छिपकर मारे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

25. शापित हो वह जो निर्दोष जन के मार डालने के लिये धन ले। तब सब लोग कहें, आमीन॥

26. शापित हो वह जो इस व्यवस्था के वचनों को मानकर पूरा न करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

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