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व्यवस्थाविवरण 27:12-25 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

12. कि जब तुम यरदन पार हो जाओ तब शिमौन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, युसुफ, और बिन्यामीन, ये गिरिज्जीम पहाड़ पर खडे हो कर आशीर्वाद सुनाएं।

13. और रूबेन, गाद, आशेर, जबूलून, दान, और नप्ताली, ये एबाल पहाड़ पर खड़े हो के शाप सुनाएं।

14. तब लेवीय लोग सब इस्राएली पुरूषों से पुकार के कहें,

15. कि शापित हो वह मनुष्य जो कोई मूर्ति कारीगर से खुदवाकर वा ढलवाकर निराले स्थान में स्थापन करे, क्योंकि इस से यहोवा को घृणा लगती है। तब सब लोग कहें, आमीन॥

16. शापित हो वह जो अपने पिता वा माता को तुच्छ जाने। तब सब लोग कहें, आमीन॥

17. शापित हो वह जो किसी दूसरे के सिवाने को हटाए। तब सब लोग कहें, आमीन॥

18. शापित हो वह जो अन्धे को मार्ग से भटका दे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

19. शापित हो वह जो परदेशी, अनाथ, वा विधवा का न्याय बिगाड़े। तब सब लोग कहें आमीन॥

20. शापित हो वह जो अपनी सौतेली माता से कुकर्म करे, क्योकिं वह अपने पिता का ओढ़ना उघाड़ता है। तब सब लोग कहें, आमीन॥

21. शापित हो वह जो किसी प्रकार के पशु से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

22. शापित हो वह जो अपनी बहिन, चाहे सगी हो चाहे सौतेली, उस से कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

23. शापित हो वह जो अपनी सास के संग कुकर्म करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

24. शापित हो वह जो किसी को छिपकर मारे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

25. शापित हो वह जो निर्दोष जन के मार डालने के लिये धन ले। तब सब लोग कहें, आमीन॥

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