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व्यवस्थाविवरण 22:17-25 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. और वह तो यह कहकर उस पर कुकर्म का दोष लगाता है, कि मैं ने तेरी बेटी में कुंवारीपन के लझण नहीं पाए। परन्तु मेरी बेटी के कुंवारीपन के चिन्ह ये हैं। तब उसके माता-पिता नगर के वृद्ध लोगों के साम्हने उस चद्दर को फैलाएं।

18. तब नगर के सियाने लोग उस पुरूष को पकड़ कर ताड़ना दें;

19. और उस पर सौ शेकेल रूपे का दण्ड भी लगा कर उस कन्या के पिता को दें, इसलिये कि उसने एक इस्राएली कन्या की नामधराई की है; और वह उसी की पत्नी बनी रहे, और वह जीवन भर उस स्त्री को त्यागने न पाए।

20. परन्तु यदि उस कन्या के कुंवारीपन के चिन्ह पाए न जाएं, और उस पुरूष की बात सच ठहरे,

21. तो वे उस कन्या को उसके पिता के घर के द्वार पर ले जाएं, और उस नगर के पुरूष उसको पत्थरवाह करके मार डालें; उसने तो अपने पिता के घर में वेश्या का काम करके बुराई की है; यों तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना॥

22. यदि कोई पुरूष दूसरे पुरूष की ब्याही हुई स्त्री के संग सोता हुआ पकड़ा जाए, तो जो पुरूष उस स्त्री के संग सोया हो वह और वह स्त्री दोनों मार डालें जाएं; इस प्रकार तू ऐसी बुराई को इस्राएल में से दूर करना॥

23. यदि किसी कुंवारी कन्या के ब्याह की बात लगी हो, और कोई दूसरा पुरूष उसे नगर में पाकर उस से कुकर्म करे,

24. तो तुम उन दोनों को उस नगर के फाटक के बाहर ले जा कर उन को पत्थरवाह करके मार डालना, उस कन्या को तो इसलिये कि वह नगर में रहते हुए भी नहीं चिल्लाई, और उस पुरूष को इस कारण कि उसने पड़ोसी की स्त्री की पत-पानी ली है; इस प्रकार तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना॥

25. परन्तु यदि कोई पुरूष किसी कन्या को जिसके ब्याह की बात लगी हो मैदान में पाकर बरबस उस से कुकर्म करे, तो केवल वह पुरूष मार डाला जाए, जिसने उस से कुकर्म किया हो।

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