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व्यवस्थाविवरण 21:5-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. और लेवीय याजक भी निकट आएं, क्योंकि तेरे परमेश्वर यहोवा ने उन को चुन लिया है कि उसकी सेवा टहल करें और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, और उनके कहने के अनुसार हर एक झगड़े और मारपीट के मुकद्दमे का निर्णय हो।

6. फिर जो नगर उस लोथ के सब से निकट ठहरे, उसके सब सियाने लोग उस कलोर के ऊपर जिसका गला तराई में तोड़ा गया हो अपने अपने हाथ धोकर कहें,

7. यह खून हम से नहीं किया गया, और न यह हमारी आंखों का देखा हुआ काम है।

8. इसलिये, हे यहोवा, अपनी छुड़ाई हुई इस्राएली प्रजा का पाप ढांपकर निर्दोष खून का पाप अपनी इस्राएल प्रजा के सिर पर से उतार। तब उस खून का दोष उन को क्षमा कर दिया जाएगा।

9. यों वह काम करके जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है तू निर्दोष के खून का दोष अपने मध्य में से दूर करना॥

10. जब तू अपने शत्रुओं से युद्ध करने को जाए, और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे हाथ में कर दे, और तू उन्हें बन्धुआ कर ले,

11. तब यदि तू बन्धुओं में किसी सुन्दर स्त्री को देखकर उस पर मोहित हो जाए, और उस से ब्याह कर लेना चाहे,

12. तो उसे अपने घर के भीतर ले आना, और वह अपना सिर मुंड़ाए, नाखून कटाए,

13. और अपने बन्धुआई के वस्त्र उतार के तेरे घर में महीने भर रहकर अपने माता पिता के लिये विलाप करती रहे; उसके बाद तू उसके पास जाना, और तू उसका पति और वह तेरी पत्नी बने।

14. फिर यदि वह तुझ को अच्छी न लगे, तो जहां वह जाना चाहे वहां उसे जाने देना; उसको रूपया ले कर कहीं न बेचना, और तू ने जो उसकी पत-पानी ली, इस कारण उस से दासी का सा व्यवहार न करना॥

15. यदि किसी पुरूष की दो पत्नियां हों, और उसे एक प्रिय और दूसरी अप्रिय हो, और प्रिया और अप्रिया दोनों स्त्रियां बेटे जने, परन्तु जेठा अप्रिया का हो,

16. तो जब वह अपने पुत्रों को सम्पत्ति का बटवारा करे, तब यदि अप्रिया का बेटा जो सचमुच जेठा है यदि जीवित हो, तो वह प्रिया के बेटे को जेठांस न दे सकेगा;

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