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व्यवस्थाविवरण 16:10-20 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

10. तब अपने परमेश्वर यहोवा की आशीष के अनुसार उसके लिये स्वेच्छा बलि देकर अठवारों नाम पर्व्व मानना;

11. और उस स्थान में जो तेरा परमेश्वर यहोवा अपने नाम का निवास करने को चुन ले अपने अपने बेटे-बेटियों, दास-दासियों समेत तू और तेरे फाटकों के भीतर जो लेवीय हों, और जो जो परदेशी, और अनाथ, और विधवाएं तेरे बीच में हों, वे सब के सब अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने आनन्द करें।

12. और स्मरण रखना कि तू भी मिस्र में दास था; इसलिये इन विधियों के पालन करने में चौकसी करना॥

13. तू जब अपने खलिहान और दाखमधु के कुण्ड में से सब कुछ इकट्ठा कर चुके, तब झोंपडिय़ों का पर्व्व सात दिन मानते रहना;

14. और अपने इस पर्व्व में अपने अपने बेटे बेटियों, दास-दासियों समेत तू और जो लेवीय, और परदेशी, और अनाथ, और विधवाएं तेरे फाटकों के भीतर होंवे भी आनन्द करें।

15. जो स्थान यहोवा चुन ले उस में तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये सात दिन तक पर्व्व मानते रहना; क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तेरी सारी बढ़ती में और तेरे सब कामों में तुझ को आशीष देगा; तू आनन्द ही करना।

16. वर्ष में तीन बार, अर्थात अखमीरी रोटी के पर्व्व, और अठवारों के पर्व्व, और झोंपडिय़ों के पर्व्व, इन तीनों पर्व्व में तुम्हारे सब पुरूष अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने उस स्थान में जो वह चुन लेगा जाएं। और देखो, छूछे हाथ यहोवा के साम्हने कोई न जाए;

17. सब पुरूष अपनी अपनी पूंजी, और उस आशीष के अनुसार जो तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझ को दी हो, दिया करें॥

18. तू अपने एक एक गोत्र में से, अपने सब फाटकों के भीतर जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को देता है न्यायी और सरदार नियुक्त कर लेना, जो लोगों का न्याय धर्म से किया करें।

19. तुम न्याय न बिगाड़ना; तू न तो पक्षपात करना; और न तो घूस लेना, क्योंकि घूस बुद्धिमान की आंखें अन्धी कर देती है, और धर्मियों की बातें पलट देती है।

20. जो कुछ नितान्त ठीक है उसी का पीछा पकड़े रहना, जिस से तू जीवित रहे, और जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसका अधिकारी बना रहे॥

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