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विलापगीत 3:38-52 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

38. विपत्ति और कल्याण, क्या दोनों परमप्रधान की आज्ञा से नहीं होते?

39. सो जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरुष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने?

40. हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें!

41. हम स्वर्गवासी परमेश्वर की ओर मन लगाएं और हाथ फैलाएं और कहें:

42. हम ने तो अपराध और बलवा किया है, और तू ने क्षमा नहीं किया।

43. तेरा कोप हम पर है, तू हमारे पीछे पड़ा है, तू ने बिना तरस खाए घात किया है।

44. तू ने अपने को मेघ से घेर लिया है कि तुझ तक प्रार्थना न पहुंच सके।

45. तू ने हम को जाति जाति के लोगों के बीच में कूड़ा-कर्कट सा ठहराया है।

46. हमारे सब शत्रुओं ने हम पर अपना अपना मुंह फैलाया है;

47. भय और गड़हा, उजाड़ और विनाश, हम पर आ पड़े हैं;

48. मेरी आंखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएं बह रही है।

49. मेरी आंख से लगातार आंसू बहते रहेंगे,

50. जब तक यहोवा स्वर्ग से मेरी ओर न देखे;

51. अपनी नगरी की सब स्त्रियों का हाल देखने पर मेरा दु:ख बढ़ता है।

52. जो व्यर्थ मेरे शत्रु बने हैं, उन्होंने निर्दयता से चिडिय़ा के समान मेरा अहेर किया है;

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