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विलापगीत 3:1-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगने वाला पुरुष मैं ही हूं;

2. वह मुझे ले जा कर उजियाले में नहीं, अन्धियारे ही में चलाता है;

3. उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरुद्ध उठता रहता है।

4. उसने मेरा मांस और चमड़ा गला दिया है, और मेरी हड्डियों को तोड़ दिया है;

5. उसने मुझे रोकने के लिये किला बनाया, और मुझ को कठिन दु:ख और श्रम से घेरा है;

6. उसने मुझे बहुत दिन के मरे हुए लोगों के समान अन्धेरे स्थानों में बसा दिया है।

7. मेरे चारों ओर उसने बाड़ा बान्धा है कि मैं निकल नहीं सकता; उसने मुझे भारी सांकल से जकड़ा है;

8. मैं चिल्ला चिल्लाके दोहाई देता हूँ, तौभी वह मेरी प्रार्थना नहीं सुनता;

9. मेरे मार्गों को उसने गढ़े हुए पत्थरों से रोक रखा है, मेरी डगरों को उसने टेढ़ी कर दिया है।

10. वह मेरे लिये घात में बैठे हुए रीछ और घात लगाए हुए सिंह के समान है;

11. उसने मुझे मेरे मार्गों से भुला दिया, और मुझे फाड़ डाला; उसने मुझ को उजाड़ दिया है।

12. उसने धनुष चढ़ा कर मुझे अपने तीर का निशाना बनाया है।

13. उसने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है;

14. सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गीत गाते हैं,

15. उसने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है।

16. उसने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है;

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