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लैव्यवस्था 25:18-30 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

18. इसलिये तुम मेरी विधियों को मानना, और मेरे नियमों पर समझ बूझकर चलना; क्योंकि ऐसा करने से तुम उस देश में निडर बसे रहोगे।

19. और भूमि अपनी उपज उपजाया करेगी, और तुम पेट भर खाया करोगे, और उस देश में निडर बसे रहोगे।

20. और यदि तुम कहो, कि सातवें वर्ष में हम क्या खाएंगे, न तो हम बोएंगे न अपने खेत की उपज इकट्ठी करेंगे?

21. तो जानो कि मैं तुम को छठवें वर्ष में ऐसी आशीष दूंगा, कि भूमि की उपज तीन वर्ष तक काम आएगी।

22. तुम आठवें वर्ष में बोओगे, और पुरानी उपज में से खाते रहोगे, और नवें वर्ष की उपज में से खाते रहोगे।

23. भूमि सदा के लिये तो बेची न जाए, क्योंकि भूमि मेरी है; और उस में तुम परदेशी और बाहरी होगे।

24. लेकिन तुम अपने भाग के सारे देश में भूमि को छुड़ा लेने देना॥

25. यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल हो कर अपनी निज भूमि में से कुछ बेच डाले, तो उसके कुटुम्बियों में से जो सब से निकट हो वह आकर अपने भाईबन्धु के बेचे हुए भाग को छुड़ा ले।

26. और यदि किसी मनुष्य के लिये कोई छुड़ाने वाला न हो, और उसके पास इतना धन हो कि आप ही अपने भाग को छुड़ा ले सके,

27. तो वह उसके बिकने के समय से वर्षों की गिनती करके शेष वर्षों की उपज का दाम उसको जिसने उसे मोल लिया हो फेर दे; तब वह अपनी निज भूमि का अधिकारी हो जाए।

28. परन्तु यदि उसके इतनी पूंजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली के वर्ष तक मोल लेने वालों के हाथ में रहे; और जुबली के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए॥

29. फिर यदि कोई मनुष्य शहरपनाह वाले नगर में बसने का घर बेचे, तो वह बेचने के बाद वर्ष भर के अन्दर उसे छुड़ा सकेगा, अर्थात पूरे वर्ष भर उस मनुष्य को छुड़ाने का अधिकार रहेगा।

30. परन्तु यदि वह वर्ष भर में न छुड़ाए, तो वह घर जो शहरपनाह वाले नगर में हो मोल लेने वाले का बना रहे, और पीढ़ी-पीढ़ी में उसी मे वंश का बना रहे; और जुबली के वर्ष में भी न छूटे।

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