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लैव्यवस्था 20:13-26 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. और यदि कोई जिस रीति स्त्री से उसी रीति पुरूष से प्रसंग करे, तो वे दोनों घिनौना काम करने वाले ठहरेंगे; इस कारण वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।

14. और यदि कोई अपनी पत्नी और अपनी सास दोनों को रखे, तो यह महापाप है; इसलिये वह पुरूष और वे स्त्रियां तीनों के तीनों आग में जलाए जाएं, जिस से तुम्हारे बीच महापाप न हो।

15. फिर यदि कोई पुरूष पशुगामी हो, तो पुरूष और पशु दोनों निश्चय मार डाले जाएं।

16. और यदि कोई स्त्री पशु के पास जा कर उसके संग कुकर्म करे, तो तू उस स्त्री और पशु दोनों को घात करना; वे निश्चय मार डाले जाएं, उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।

17. और यदि कोई अपनी बहिन का, चाहे उसकी संगी बहिन हो चाहे सौतेली, उसका नग्न तन देखे, तो वह निन्दित बात है, वे दोनों अपने जाति भाइयों की आंखों के साम्हने नाश किए जाएं; क्योंकि जो अपनी बहिन का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा उसे अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा।

18. फिर यदि कोई पुरूष किसी ऋतुमती स्त्री के संग सोकर उसका तन उघाड़े, तो वह पुरूष उसके रूधिर के सोते का उघाड़ने वाला ठहरेगा, और वह स्त्री अपने रूधिर के सोते की उघाड़ने वाली ठहरेगी; इस कारण दोनों अपने लोगों के बीच से नाश किए जाएं।

19. और अपनी मौसी वा फूफी का तन न उघाड़ना, क्योंकि जो उसे उघाड़े वह अपनी निकट कुटुम्बिन को नंगा करता है; इसलिये इन दोनों को अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।

20. और यदि कोई अपनी चाची के संग सोए, तो वह अपने चाचा का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा; इसलिये वे दोनों अपने पाप का भार को उठाए हुए निर्वंश मर जाएंगे।

21. और यदि कोई भौजी वा भयाहू को अपनी पत्नी बनाए, तो इसे घिनौना काम जानना; और वह अपने भाई का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा, इस कारण वे दोनों निर्वंश रहेंगे।

22. तुम मेरी सब विधियों और मेरे सब नियमों को समझ के साथ मानना; जिससे यह न हो कि जिस देश में मैं तुम्हें लिये जा रहा हूं वह तुम को उगल देवे।

23. और जिस जाति के लोगों को मैं तुम्हारे आगे से निकालता हूं उनकी रीति रस्म पर न चलना; क्योंकि उन लोगों ने जो ये सब कुकर्म किए हैं, इसी कारण मुझे उन से घृणा हो गई है।

24. और मैं तुम लोगों से कहता हूं, कि तुम तो उनकी भूमि के अधिकारी होगे, और मैं इस देश को जिस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम्हारे अधिकार में कर दूंगा; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जिसने तुम को देशों के लोगों से अलग किया है।

25. इस कारण तुम शुद्ध और अशुद्ध पशुओं में, और शुद्ध और अशुद्ध पक्षियों में भेद करना; और कोई पशु वा पक्षी वा किसी प्रकार का भूमि पर रेंगने वाला जीवजन्तु क्यों न हो, जिस को मैं ने तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहराकर वजिर्त किया है, उससे अपने आप को अशुद्ध न करना।

26. और तुम मेरे लिये पवित्र बने रहना; क्योंकि मैं यहोवा स्वयं पवित्र हूं, और मैं ने तुम को और देशों के लोगों से इसलिये अलग किया है कि तुम निरन्तर मेरे ही बने रहो॥

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