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लैव्यवस्था 19:17-27 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. अपने मन में एक दूसरे के प्रति बैर न रखना; अपने पड़ोसी को अवश्य डांटना नहीं, तो उसके पाप का भार तुझ को उठाना पड़ेगा।

18. पलटा न लेना, और न अपने जाति भाइयों से बैर रखना, परन्तु एक दूसरे से अपने समान प्रेम रखना; मैं यहोवा हूं।

19. तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल न खाने देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहिनना।

20. फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरूष से हुई हो, परन्तु वह न तो दाम से और न सेंतमेंत स्वाधीन की गई हो; उससे यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएं।

21. पर वह पुरूष मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए।

22. और याजक उसके किये हुए पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा उसके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे; तब उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा।

23. फिर जब तुम कनान देश में पंहुचकर किसी प्रकार के फल के वृक्ष लगाओ, तो उनके फल तीन वर्ष तक तुम्हारे लिये मानों खतनारहित ठहरें रहें; इसलिये उन में से कुछ न खाया जाए।

24. और चौथे वर्ष में उनके सब फल यहोवा की स्तुति करने के लिये पवित्र ठहरें।

25. तब पांचवें वर्ष में तुम उनके फल खाना, इसलिये कि उन से तुम को बहुत फल मिलें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

26. तुम लोहू लगा हुआ कुछ मांस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ वा अशुभ मुहूर्तों को मानना।

27. अपने सिर में घेरा रखकर न मुंड़ाना, और न अपने गाल के बालों को मुंड़ाना।

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