पुराना विधान

नया विधान

लैव्यवस्था 14:26-37 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

26. फिर याजक उस तेल में से कुछ अपने बाएं हाथ की हथेली पर डालकर,

27. अपने दाहिने हाथ की उंगली से अपनी बाईं हथेली पर के तेल में से कुछ यहोवा के सम्मुख सात बार छिड़के;

28. फिर याजक अपनी हथेली पर के तेल में से कुछ शुद्ध ठहरने वाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पांव के अंगूठों पर दोषबलि के लोहू के स्थान पर, लगाए।

29. और जो तेल याजक की हथेली पर रह जाए उसे वह शुद्ध ठहरने वाले के लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करने को उसके सिर पर डाल दे।

30. तब वह पंडुकों वा कबूतरी के बच्चों में से जो वह ला सका हो एक को चढ़ाए,

31. अर्थात जो पक्षी वह ला सका हो, उन में से वह एक को पापबलि के लिये और अन्नबलि समेत दूसरे को होमबलि के लिये चढ़ाए; इस रीति से याजक शुद्ध ठहरने वाले के लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे।

32. जिसे कोढ़ की व्याधि हुई हो, और उसके इतनी पूंजी न हो कि वह शुद्ध ठहरने की सामग्री को ला सके, तो उसके लिये यही व्यवस्था है॥

33. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,

34. जब तुम लोग कनान देश में पहुंचो, जिसे मैं तुम्हारी निज भूमि होने के लिये तुम्हें देता हूं, उस समय यदि मैं कोढ़ की व्याधि तुम्हारे अधिकार के किसी घर में दिखाऊं,

35. तो जिसका वह घर हो वह आकर याजक को बता दे, कि मुझे ऐसा देख पड़ता है कि घर में मानों कोई व्याधि है।

36. तब याजक आज्ञा दे, कि उस घर में व्याधि देखने के लिये मेरे जाने से पहिले उसे खाली करो, कहीं ऐसा न हो कि जो कुछ घर में हो वह सब अशुद्ध ठहरे; और पीछे याजक घर देखने को भीतर जाए।

37. तब वह उस व्याधि को देखे; और यदि वह व्याधि घर की दीवारों पर हरी हरी वा लाल लाल मानों खुदी हुई लकीरों के रूप में हो, और ये लकीरें दीवार में गहिरी देख पड़ती हों,

पूरा अध्याय पढ़ें लैव्यवस्था 14