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यिर्मयाह 6:19-30 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

19. हे पृथ्वी, सुन; देख, कि मैं इस जाति पर वह विपत्ति ले आऊंगा जो उनकी कल्पनाओं का फल है, क्योंकि इन्होंने मेरे वचनों पर ध्यान नहीं लगाया, और मेरी शिक्षा को इन्होंने निकम्मी जाना है।

20. मेरे लिये जो लोबान शबा से, और सुगन्धित नरकट जो दूर देश से आता है, इसका क्या प्रयोजन है? तुम्हारे होमबलियों से मैं प्रसन्न नहीं हूँ, और न तुम्हारे मेलबलि मुझे मीठे लगते हैं।

21. इस कारण यहोवा ने यों कहा है, देखो, मैं इस प्रजा के आगे ठोकर खाऊंगा, और बाप और बेटा, पड़ोसी और मित्र, सब के सब ठोकर खाकर नाश होंगे।

22. यहोवा यों कहता है, देखो, उत्तर से वरन पृथ्वी की छोर से एक बड़ी जाति के लोग इस देश के विरोध में उभारे जाएंगे।

23. वे धनुष और बर्छी धारण किए हुए आएंगे, वे क्रूर और निर्दय हैं, और जब वे बोलते हैं तब मानो समुद्र गरजता है; वे घोड़ों पर चढ़े हुए आएंगे, हे सिय्योन, वे वीर की नाईं सशस्त्र हो कर तुझ पर चढ़ाई करेंगे।

24. इसका समाचार सुनते ही हमारे हाथ ढीले पड़ गए हैं; हम संकट में पड़े हैं; जच्चा की सी पीड़ा हम को उठी है।

25. मैदान में मत निकलो, मार्ग में भी न चलो; क्योंकि वहां शत्रु की तलवार और चारों ओर भय देख पड़ता है।

26. हे मेरी प्रजा कमर में टाट बान्ध, और राख में लोट; जैसा एकलौते पुत्र के लिये विलाप होता है वैसा ही बड़ा शोकमय विलाप कर; क्योंकि नाश करने वाला हम पर अचानक आ पड़ेगा।

27. मैं ने इसलिये तुझे अपनी प्रजा के बीच गुम्मट वा गढ़ ठहरा दिया कि तू उनकी चाल परखे और जान ले।

28. वे सब बहुत ही हटी हैं, वे लुतराई करते फिरते हैं; उन सभों की चाल बिगड़ी है, वे निरा ताम्बा और लोहा ही हैं।

29. धौंकनी जल गई, शीशा आग में जल गया; ढालने वाले ने व्यर्थ ही ढाला है; क्योंकि बुरे लोग नहीं निकाले गए।

30. उनका नाम खोटी चान्दी पड़ेगा, क्योंकि यहोवा ने उन को खोटा पाया है।

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