32. अभिमानी ठोकर खाकर गिरेगा ओर कोई उसे फिर न उठाएगा; और मैं उसके नगरों में आग लगाऊंगा जिस से उसके चारों ओर सब कुछ भस्म हो जाएगा।
33. सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस्राएल और यहूदा दोनों बराबर पिसे हुए हैं; और जितनों ने उन को बंधुआ किया वे उन्हें पकड़े रहते हैं, और जाने नहीं देते।
34. उनका छुड़ाने वाला सामथीं है; सेनाओं का यहोवा, यही उसका नाम है। वह उनका मुक़द्दमा भली भांति लड़ेगा कि पृथ्वी को चैन दे परन्तु बाबुल के निवासियों व्याकुल करे।
35. यहोवा की यह वाणी है, कसदियों और बाबुल के हाकिम, पण्डित आदि सब निवासियों पर तलवार चलेगी!