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यिर्मयाह 36:1-7 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के चौथे बरस में यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा,

2. एक पुस्तक ले कर जितने वचन मैं ने तुझ से योशिय्याह के दिनों से ले कर अर्थात जब मैं तुझ से बातें करने लगा उस समय से आज के दिन तक इस्राएल और यहूदा और सब जातियों के विषय में कहे हैं, सब को उस में लिख।

3. क्या जाने यहूदा का घराना उस सारी विपत्ति का समाचार सुन कर जो मैं उन पर डालने की कल्पना कर रहा हूँ अपनी बुरी चाल से फिरे और मैं उनके अधर्म और पाप को क्षमा करूं।

4. सो यिर्मयाह ने नेरिय्याह के पुत्र बारूक को बुलाया, और बारूक ने यहोवा के सब वचन जो उसने यिर्मयाह से कहे थे, उसके मुख से सुन कर पुस्तक में लिख दिए।

5. फिर यिर्मयाह ने बारूक को आज्ञा दी और कहा, मैं तो बन्धा हुआ हूँ, मैं यहोवा के भवन में नहीं जा सकता।

6. सो तु उपवास के दिन यहोवा के भवन में जा कर उसके जो वचन तू ने मुझ से सुन कर लिखे हैं, पुस्तक में से लोगों को पढ़ कर सुनाना, और जितने यहूदी लोग अपने अपने नगरों से आएंगे, उन को भी पढ़ कर सुनाना।

7. क्या जाने वे यहोवा से गिड़गिड़ा कर प्रार्थना करें और अपनी अपनी बुरी चाल से फिरें; क्योंकि जो क्रोध और जलजलाहट यहोवा ने अपनी इस प्रजा पर भड़काने को कहा है, वह बड़ी है।

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