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यिर्मयाह 31:20-28 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

20. क्या एप्रैम मेरा प्रिय पुत्र नहीं है? क्या वह मेरा दुलारा लड़का नहीं है? जब जब मैं उसके विरुद्ध बातें करता हूं, तब तब मुझे उसका स्मरण हो आता है। इसलिये मेरा मन उसके कारण भर आता है; और मैं निश्चय उस पर दया करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।

21. हे इस्राएली कुमारी, जिस राजमार्ग से तू गई थी, उसी में खम्भे और झण्डे खड़े कर; और अपने इन नगरों में लौट आने पर मन लगा।

22. हे भटकने वाली कन्या, तू कब तक इधर उधर फिरती रहेगी? यहोवा की एक नई सृष्टि पृथ्वी पर प्रगट होगी, अर्थात नारी पुरुष की सहायता करेगी।

23. इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है: जब मैं यहूदी बंधुओं को उनके देश के नगरों में लौटाऊंगा, तब उन में यह आशीर्वाद फिर दिया जाएगा: हे धर्मभरे वासस्थान, हे पवित्र पर्वत, यहोवा तुझे आशीष दे!

24. और यहूदा और उसके सब नगरों के लोग और किसान और चरवाहे भी उस में इकट्टे बसेंगे।

25. क्योंकि मैं ने थके हुए लोगों का प्राण तृप्त किया, और उदास लोगों के प्राण को भर दिया है।

26. इस पर मैं जाग उठा, और देखा, ओर मेरी नीन्द मुझे मीठी लगी।

27. देख, यहोवा की यह वाणी है, कि ऐसे दिन आने वाले हैं जिन में मैं इस्राएल और यहूदा के घरानों के लड़के-बाले और पशु दोनों को बहुत बढ़ाऊंगा।

28. और जिस प्रकार से मैं सोच सोचकर उन को गिराता और ढाता, नष्ट करता, काट डालता और सत्यानाश ही करता था, उसी प्रकार से मैं अब सोच सोचकर उन को रोपूंगा और बढ़ाऊंगा, यहोवा की यही वाणी है।

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