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यिर्मयाह 30:3-12 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आते हैं कि मैं अपनी इस्राएली और यहूदी प्रजा को बंधुआई से लौटा लाऊंगा; और जो देश मैं ने उनके पितरों को दिया था उस में उन्हें फेर ले आऊंगा, और वे फिर उसके अधिकारी होंगे, यहोवा का यही वचन हे।

4. जो वचन यहोवा ने इस्राएलियों और यहूदियों के विषय कहे थे, वे ये हैं:

5. यहोवा यों कहता है: थरथरा देने वाला शब्द सुनाईं दे रहा है, शान्ति नहीं, भय ही का है।

6. पूछो तो भला, और देखो, क्या पुरुष को भी कहीं जनने की पीड़ा उठती है? फिर क्या कारण है कि सब पुरुष ज़च्चा की नाईं अपनी अपनी कमर अपने हाथों से दबाए हुए देख पड़ते हैं? क्यों सब के मुख फीके रंग के हो गए हैं?

7. हाय, हाय, वह दिन क्या ही भारी होगा! उसके समान और कोई दिन नहीं; वह याकूब के संकट का समय होगा; परन्तु वह उस से भी छुड़ाया जाएगा।

8. और सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उस दिन मैं उसका रखा हुआ जूआ तुम्हारी गर्दन पर से तोड़ दूंगा, और तुम्हारे बन्धनों को टुकड़े-टुकड़े कर डालूंगा; और परदेशी फिर उन से अपनी सेवा न कराने पाएंगे।

9. परन्तु वे अपने परमेश्वर यहोवा और अपने राजा दाऊद की सेवा करेंगे जिस को मैं उन पर राज्य करने के लिये ठहराऊंगा।

10. इसलिये हे मेरे दास याकूब, तेरे लिये यहोवा की यह वाणी है, मत डर; हे इस्राएल, विस्मित न हो; क्योंकि मैं दूर देश से तुझे और तेरे वंश को बंधुआई के देश से छुड़ा ले आऊंगा। तब याकूब लौट कर, चैन और सुख से रहेगा, और कोई उसको डराने न पाएगा।

11. क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, तुम्हारा उद्धार करने के लिये मैं तुम्हारे संग हूँ; इसलिये मैं उन सब जातियों का अन्त कर डालूंगा, जिन में मैं ने उन्हें तितर-बितर किया है, परन्तु तुम्हारा अन्त न करूंगा। तुम्हारी ताड़ना मैं विचार कर के करूंगा, और तुम्हें किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराऊंगा।

12. यहोवा यों कहता है: तेरे दु:ख की कोई औषध नहीं, और तेरी चोट गहिरी और दुखप्रद है।

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