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यहेजकेल 47:3-11 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. जब वह पुरुष हाथ में माप ने की डोरी लिए हुए पूर्व ओर निकला, तब उसने भवन से ले कर, हजार हाथ तक उस सोते को मापा, और मुझे जल में से चलाया, और जल टखनों तक था।

4. उसने फिर हजार हाथ माप कर मुझे जल में से चलाया, और जल घुटनों तक था, फिर ओर हजार हाथ माप कर मुझे जल में से चलाया, और जल कमर तक था।

5. तब फिर उसने एक हजार हाथ मापे, और ऐसी नदी हो गई जिसके पार मैं न जा सका, क्योंकि जल बढ़ कर तैरने के योग्य था; अर्थात ऐसी नदी थी जिसके पार कोई न जा सकता था।

6. तब उसने मुझ से पूछा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ने यह देखा है? फिर उसने मुझे नदी के तीर लौटा कर पहुंचा दिया।

7. लौट कर मैं ने क्या देखा, कि नदी के दोनों तीरों पर बहुत से वृक्ष हैं।

8. तब उसने मुझ से कहा, यह सोता पूवीं देश की ओर बह रहा है, और अराबा में उतर कर ताल की ओर बहेगा; और यह भवन से निकला हुआ सीधा ताल में मिल जाएगा; और उसका जल मीठा हो जाएगा।

9. और जहां जहां यह नदी बहे, वहां वहां सब प्रकार के बहुत अण्डे देने वाले जीव-जन्तु जीएंगे और मछलियां भी बहुत हो जाएंगी; क्योंकि इस सोते का जल वहां पहुंचा है, और ताल का जल मीठा हो जाएगा; और जहा कहीं यह नदी पहुंचेगी वहां सब जन्तु जीएंगे।

10. ताल के तीर पर मछवे खड़े रहेंगे, और एनगदी से ले कर ऐनेग्लैम तक वे जाल फैलाए जाएंगे, और उन्हें महासागर की सी भांति भांति की अनगिनित मछलियां मिलेंगी।

11. परन्तु ताल के पास जो दलदल ओर गड़हे हैं, उनका जल मीठा न होगा; वे खारे ही रहेंगे।

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