19. इस पापबलि के लोहू में से याजक कुछ ले कर भवन के चौखट के खम्भों, और वेदी की कुसीं के चारों कोनों, और भीतरी आंगन के फाटक के खम्भों पर लगाए।
20. फिर महीने के सातवें दिन को सब भूल में पड़े हुओं और भोलों के लिये भी यों ही करना; इसी प्रकार से भवन के लिये प्रायश्चित्त करना।
21. पहिले महीने के चौदहवें दिन को तुम्हारा फसह हुआ करे, वह सात दिन का पर्व हो और उस में अखमीरी रोटी खई जाए।
22. उस दिन प्रधान अपने और प्रजा के सब लोगों के निमित्त एक बछड़ा पापबलि के लिये तैयार करे।
23. और पर्व के सातों दिन वह यहोवा के लिये होमबलि तैयार करे, अर्थात हर एक दिन सात सात निर्दोष बछड़े और सात सात निर्दोष मेढ़े और प्रति दिन एक एक बकरा पापबलि के लिये तैयार करे।
24. और हर एक बछड़े और मेढ़े के साथ वह एपा भर अन्नबलि, और एपा पीछे हीन भर तेल तैयार करे।
25. सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन से ले कर सात दिन तक अर्थात पर्व के दिनों में वह पापबलि, होमबलि, अन्नबलि, और तेल इसी विधि के अनुसार किया करे।