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यहेजकेल 41:19-26 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

19. इस प्रकार से एक एक खजूर की एक ओर मनुष्य का मुख बनाया हुआ था, और दूसरी ओर जवान सिंह का मुख बनाया हुआ था। इसी रीति सारे भवन के चारों ओर बना था।

20. भूमि से ले कर द्वार के ऊपर तक करूब और खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, मन्दिर की भीत इसी भांति बनी हुई थी।

21. भवन के द्वारों के खम्भे चौपहल थे, और पवित्रस्थान के साम्हने का रूप मन्दिर का सा था।

22. वेदी काठ की बनी थी, और उसकी ऊंचाई तीन हाथ, ओर लम्बाई दो हाथ की थी; और उसके कोने और उसका सारा पाट और अलंगें भी काठ की थीं। और उसने मुझ से कहा, यह तो यहोवा के सम्मुख की मेज़ है।

23. और मन्दिर और पवित्रस्थान के द्वारों के दो दो किवाड़ थे।

24. और हर एक किवाड़ में दो दो मुड़ने वाले पल्ले थे, हर एक किवाड़ के लिये दो दो पल्ले।

25. और जैसे मन्दिर की भीतों में करूब और खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, वैसे ही उसके किवाड़ों में भी थे, और ओसारे की बाहरी ओर लकड़ी की मोटी मोटी धरनें थीं।

26. और ओसारे के दोनों ओर झिलमिलीदार खिड़कियां थीं और खजूर के पेड़ खुदे थे; और भवन की बाहरी कोठरियां और मोटी मोटी धरनें भी थीं।

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