40. और फाटक की एक बाहरी अलंग पर अर्थात उत्तरी फाटक के द्वार की चढ़ाई पर दो मेज़ें थीं; और उसकी दूसरी बाहरी अलंग पर भी, जो फाटक के ओसारे के पास थी, दो मेजें थीं।
41. फाटक की दोनों अलंगों पर चार चार मेजें थीं, सो सब मिलकर आठ मेज़ें थीं, जो बलिपशु वध करने के लिये थीं।
42. फिर होमबलि के लिये तराशे हुए पत्थर की चार मेज़ें थीं, जो डेढ़ हाथ लम्बी, डेढ़ हाथ चौड़ी, और हाथ भर ऊंची थीं; उन पर होमबलि और मेलबलि के पशुओं को वध करने के हथियार रखे जाते थे।
43. भीतर चारों ओर चौवे भर की अंकडिय़ां लगी थीं, और मेज़ों पर चढ़ावे का मांस रखा हुआ था।