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यहेजकेल 40:33-49 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

33. और इसकी भी पहरे वाली कोठरियां और खम्भे और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के चारों ओर भी खिड़कियां थीं; इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

34. इसका ओसारा भी बाहरी आंगन की ओर था, और उसके दोनों ओर के खम्भों पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और इस पर भी चढ़ने को आठ सीढिय़ां थीं।

35. फिर उस पुरुष ने मुझे उत्तरी फाटक के पास ले जा कर उसे मापा, और उसकी भी माप वैसी ही पाई।

36. उसके भी पहरे वाली कोठरियां और खम्भे और उनका ओसारा था; और उसके भी चारों ओर खिड़कियां थीं; उसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

37. उसके खम्भे बाहरी आंगन की ओर थे, और उन पर भी दोनोंओर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और उस में चढ़ने को आठ सीढिय़ां थीं।

38. फिर फाटकों के पास के खम्भों के निकट द्वार समेत कोठरी थी, जहां होमबलि धोया जाता था।

39. और होमबलि, पापबलि, और दोषबलि के पशुओं के वध करने के लिये फाटक के ओसारे के पास उसके दोनों ओर दो दो मेज़ें थीं।

40. और फाटक की एक बाहरी अलंग पर अर्थात उत्तरी फाटक के द्वार की चढ़ाई पर दो मेज़ें थीं; और उसकी दूसरी बाहरी अलंग पर भी, जो फाटक के ओसारे के पास थी, दो मेजें थीं।

41. फाटक की दोनों अलंगों पर चार चार मेजें थीं, सो सब मिलकर आठ मेज़ें थीं, जो बलिपशु वध करने के लिये थीं।

42. फिर होमबलि के लिये तराशे हुए पत्थर की चार मेज़ें थीं, जो डेढ़ हाथ लम्बी, डेढ़ हाथ चौड़ी, और हाथ भर ऊंची थीं; उन पर होमबलि और मेलबलि के पशुओं को वध करने के हथियार रखे जाते थे।

43. भीतर चारों ओर चौवे भर की अंकडिय़ां लगी थीं, और मेज़ों पर चढ़ावे का मांस रखा हुआ था।

44. और भीतरी आंगन की उत्तरी फाटक की अलंग के बाहर गाने वालों की कोठरियां थीं जिनके द्वार दक्खिन ओर थे; और पूवीं फाटक की अलंग पर एक कोठरी थी, जिसका द्वार उत्तर ओर था।

45. उसने मुझ से कहा, यह कोठरी, जिसका द्वार दक्खिन की ओर है, उन याजकों के लिये है जो भवन की चौकसी करते हैं,

46. और जिस कोठरी का द्वार उत्तर ओर है, वह उन याजकों के लिये है जो वेदी की चौकसी करते हैं; ये सादोक की सन्तान हैं; और लेवियों में से यहोवा की सेवा टहल करने को केवल ये ही उसके समीप जाते हैं।

47. फिर उसने आंगन को माप कर उसे चौकोना अर्थात सौ हाथ लम्बा और सौ हाथ चौड़ा पाया; और भवन के साम्हने वेदी थी।

48. फिर वह मुझे भवन के ओसारे में ले गया, और ओसारे के दोनों ओर के खम्भों को माप कर पांच पांच हाथ का पाया; और दोनों ओर फाटक की चौड़ाई तीन तीन हाथ की थी।

49. ओसारे की लम्बाई बीस हाथ और चौड़ाई ग्यारह हाथ की थी; और उस पर चढ़ने को सीढिय़ां थीं; और दोनों ओर के खम्भों के पास लाटें थीं।

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