28. और मैं उस देश को उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा; और उसके बल का घमण्ड जाता रहेगा; और इस्राएल के पहाड़ ऐसे उजड़ेंगे कि उन पर हो कर कोई न चलेगा।
29. सो जब मैं उन लोगों के किए हुए सब घिनौने कामों के कारण उस देश को उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
30. और हे मनुष्य के सन्तान, तेरे लोग भीतों के पास और घरों के द्वारों में तेरे विषय में बातें करते और एक दूसरे से कहते हैं, आओ, सुनो, कि यहोवा की ओर से कौन सा वचन निकलता है।