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यहेजकेल 20:18-38 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

18. फिर मैं ने जंगल में उनकी सन्तान से कहा, अपने पुरखाओं की विधियों पर न चलो, न उनकी रीतियों को मानो और न उनकी मूरतें पूजकर अपने को अशुद्ध करो।

19. मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ, मेरी विधियों पर चलो, ओर मेरे नियमों के मानने में चौकसी करो,

20. और मेरे विश्रामदिनों को पवित्र मानो कि वे मेरे और तुम्हारे बीच चिन्ह ठहरें, और जिस से तुम जानो कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।

21. परन्तु उनकी सन्तान ने भी मुझ से बलवा किया; वे मेरी विधियों पर न चले, न मेरे नियमों के मानने में चौकसी की; जिन्हें यदि मनुष्य माने तो वह उनके कारण जीवित रहेगा; मेरे विश्रामदिनों को उन्होंने अपवित्र किया। तब मैं ने कहा, मैं जंगल में उन पर अपनी जलजलाहट भड़का कर अपना कोप दिखलाऊंगा।

22. तौभी मैं ने हाथ खींच लिया, और अपने नाम के निमित्त ऐसा किया, कि उन जातियों के साम्हने जिनके देखते हुए मैं उन्हें निकाल लाया था, वे अपवित्र न ठहरे।

23. फिर मैं ने जंगल में उन से शपथ खाई, कि मैं तुम्हें जाति जाति में तितर-बितर करूंगा, और देश देश में छितरा दूंगा,

24. क्योंकि उन्होंने मेरे नियम न माने, मेरी विधियों को तुच्छ जाना, मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया, और अपने पुरखाओं की मूरतों की ओर उनकी आंखें लगी रहीं।

25. फिर मैं ने उनके लिये ऐसी ऐसी विधियां ठहराई जो अच्छी न थी और ऐसी ऐसी रीतियां जिनके कारण वे जीवित न रह सकें;

26. अर्थात वे अपने सब पहिलौठों को आग में होम करने लगे; इस रीति मैं ने उन्हें उन्हीं की भेंटों के द्वारा अशुद्ध किया जिस से उन्हें निर्वश कर डालूं; और तब वे जान लें कि मैं यहोवा हूँ।

27. हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के घराने से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, तुम्हारे पुरखाओं ने इस में भी मेरी निन्दा की कि उन्होंने मेरा विश्वासघात किया।

28. क्योंकि जब मैं ने उन को उस देश में पहुंचाया, जिसके उन्हें देने की शपथ मैं ने उन से खाई थी, तब वे हर एक ऊंचे टीले और हर एक घने वृक्ष पर दृष्टि कर के वहीं अपने मेलबलि करने लगे; और वहीं रिस दिलाने वाली अपनी भेंटें चढ़ाने लगे और वहीं अपना सुखदायक सुगन्धद्रव्य जलाने लगे, और वहीं अपने तपावन देने लगे।

29. तब मैं ने उन से पूछा, जिस ऊंचे स्थान को तुम लोग जाते हो, उस से क्या प्रयोजन है? इसी से उसका नाम आज तक बामा कहलाता है।

30. इसलिये इस्राएल के घराने से कह, प्रभु यहोवा तुम से यह पूछता है, क्या तुम भी अपने पुरखाओं की रीति पर चल कर अशुद्ध हो कर, और उनके घिनौने कामों के अनुसार व्यभिचारिणी की नाईं काम करते हो?

31. आज तक जब जब तुम अपनी भेंटें चढ़ाते और अपने लड़के-बालों को होम कर के आग में चढ़ाते हो, तब तब तुम अपनी मूरतों के निमित्त अशुद्ध ठहरते हो। हे इस्राएल के घराने, क्या तुम मुझ से पूछने पाओगे? प्रभु यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की शपथ तुम मुझ से पूछने न पाओगे।

32. जो बात तुम्हारे मन में आती है कि हम काठ और पत्थर के उपासक हो कर अन्यजातियों और देश देश के कुलों के समान हो जाएंगे, वह किसी भांति पूरी नहीं होने की।

33. प्रभु यहोवा यों कहता है, मेरे जीवन की शपथ मैं निश्चय बली हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से, और भड़काई इुई जलजलाहट के साथ तुम्हारे ऊपर राज्य करूंगा।

34. मैं बली हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से, और भड़काई हुई जलजलाहट के साथ तुम्हें देश देश के लोगों में से अलग करूंगा, और उन देशें से जिन में तुम तितर-बितर हो गए थे, इकट्ठा करूंगा;

35. और मैं तुम्हें देश देश के लोगों के जंगल में ले जा कर, वहां आम्हने-साम्हने तुम से मुक़द्दमा लड़ूंगा।

36. जिस प्रकार मैं तुम्हारे पूर्वजों से मिस्र देशरूपी जंगल में मुक़द्दमा लड़ता था, उसी प्रकार तुम से मुक़द्दमा लड़ूंगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

37. मैं तुम्हें लाठी के तले चलाऊंगा। और तुम्हें वाचा के बन्धन में डालूंगा।

38. मैं तुम में से सब बलवाइयों को निकाल कर जो मेरा अपराध करते है; तुम्हें शुद्ध करूंगा; और जिस देश में वे टिकते हैं उस में से मैं उन्हें निकाल दूंगा; परन्तु इस्राएल के देश में घुसने न दूंगा। तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।

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