उस समय बलदान का पुत्र मरोदक बलदान, जो बाबुल का राजा था, उसने हिजकिय्याह के रोगी होने और फिर चंगे हो जाने की चर्चा सुनकर उसके पास पत्री और भेंट भेजी।