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यशायाह 32:1-10 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. देखो, एक राजा धर्म से राज्य करेगा, और राजकुमार न्याय से हुकूमत करेंगे।

2. हर एक मानो आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरने, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।

3. उस समय देखने वालों की आंखें धुंधली न होंगी, और सुनने वालों के कान लगे रहेंगे।

4. उतावलों के मन ज्ञान की बातें समझेंगे, और तुतलाने वालों की जीभ फुर्ती से और साफ बोलेगी।

5. मूढ़ फिर उदार न कहलाएगा और न कंजूस दानी कहा जाएगा।

6. क्योंकि मूढ़ तो मूढ़ता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह बिन भक्ति के काम करे और यहोवा के विरुद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।

7. छली की चालें बुरी होती हैं, वह दुष्ट युक्तियां निकालता है कि दरिद्र को भी झूठी बातों में लूटे जब कि वे ठीक और नम्रता से भी बोलते हों।

8. परन्तु उदार मनुष्य उदारता ही की युक्तियां निकालता है, वह उदारता में स्थिर भी रहेगा॥

9. हे सुखी स्त्रियों, उठ कर मेरी सुनो; हे निश्चिन्त पुत्रियों, मेरे वचन की ओर कान लगाओ।

10. हे निश्चिन्त स्त्रियों, वर्ष भर से कुछ ही अधिक समय में तुम विकल हो जाओगी; क्योंकि तोड़ने को दाखें न होंगी और न किसी भांति के फल हाथ लगेंगे।

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