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यशायाह 28:13-23 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. इसलिये यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहां, थोड़ा वहां, जिस से वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएं, और फंदे में फंस कर पकड़े जाएं॥

14. इस कारण हे ठट्ठा करने वालो, यरूशलेमवासी प्रजा के हाकिमों, यहोवा का वचन सुनो!

15. तुम ने कहा है कि हम ने मृत्यु से वाचा बान्धी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ की नाईं बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हम ने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।

16. इसलिये प्रभु यहोवा यों कहता है, देखो, मैं ने सिय्योन में नेव का पत्थर रखा है, एक परखा हुआ पत्थर, कोने का अनमोल और अति दृढ़ नेव के योग्य पत्थर: और जो कोई विश्वास रखे वह उतावली न करेगा।

17. और मैं न्याय को डोरी और धर्म को साहुल ठहराऊंगा; और तुम्हारा झूठ का शरणस्थान ओलों से बह जाएगा, और तुम्हारे छिपने का स्थान जल से डूब जाएगा।

18. तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बान्धी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी; जब विपत्ति बाढ़ की नाईं बढ़ आए, तब तुम उस में डूब ही जाओगे।

19. जब जब वह बढ़ आए, तब तब वह तुम को ले जाएगी; वह प्रति दिन वरन रात दिन बढ़ा करेंगी; और इस समाचार का सुनना ही व्याकुल होने का कारण होगा।

20. क्योंकि बिछौना टांग फैलाने के लिये छोटा, और ओढ़ना ओढ़ने के लिये सकरा है॥

21. क्योंकि यहोवा ऐसा उठ खड़ा होगा जैसा वह पराजीम नाम पर्वत पर खड़ा हुआ और जैसा गिबोन की तराई में उसने क्रोध दिखाया था; वह अब फिर क्रोध दिखाएगा, जिस से वह अपना काम करे, जो अचम्भित काम है, और वह कार्य करे जो अनोखा है।

22. इसलिये अब तुम ठट्ठा मत करो, नहीं तो तुम्हारे बन्धन कसे जाएंगे; क्योंकि मैं ने सेनाओं के प्रभु यहोवा से यह सुना है कि सारे देश का सत्यानाश ठाना गया है॥

23. कान लगाकर मेरी सुनो, ध्यान धरकर मेरा वचन सुनो।

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