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यशायाह 26:11-20 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

11. हे यहोवा, तेरा हाथ बढ़ा हुआ है, पर वे नहीं देखते। परन्तु वे जानेंगे कि तुझे प्रजा के लिये कैसी जलन है, और लजाएंगे।

12. तेरे बैरी आग से भस्म होंगे। हे यहोवा, तू हमारे लिये शान्ति ठहराएगा, हम ने जो कुछ किया है उसे तू ही ने हमारे लिये किया है।

13. हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तेरे सिवाय और स्वामी भी हम पर प्रभुता करते थे, परन्तु तेरी कृपा से हम केवल तेरे ही नाम का गुणानुवाद करेंगे।

14. वे मर गए हैं, फिर कभी जीवित नहीं होंगे; उन को मरे बहुत दिन हुए, वे फिर नहीं उठने के; तू ने उनका विचार कर के उन को ऐसा नाश किया कि वे फिर स्मरण में न आएंगे।

15. परन्तु तू ने जाति को बढ़ाया; हे यहोवा, तू ने जाति को बढ़ाया है; तू ने अपनी महिमा दिखाई है और उस देश के सब सिवानों को तू ने बढ़ाया है॥

16. हे यहोवा, दु:ख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।

17. जैसे गर्भवती स्त्री जनने के समय ऐंठती और पीड़ों के कारण चिल्ला उठती है, हम लोग भी, हे यहोवा, तेरे साम्हने वैसे ही हो गए हैं।

18. हम भी गर्भवती हुए, हम भी ऐंठें, हम ने मानो वायु ही को जन्म दिया। हम ने देश के लिये कोई उद्धार का काम नहीं किया, और न जगत के रहने वाले उत्पन्न हुए।

19. तेरे मरे हुए लोग जीवित होंगे, मुर्दे उठ खड़े होंगे। हे मिट्टी में बसने वालो, जाग कर जयजयकार करो! क्योंकि तेरी ओस ज्योति से उत्पन्न होती है, और पृथ्वी मुर्दों को लौटा देगी॥

20. हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी में प्रवेश कर के किवाड़ों को बन्द करो; थोड़ी देर तक जब तक क्रोध शान्त न हो तब तक अपने को छिपा रखो।

पूरा अध्याय पढ़ें यशायाह 26