अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
  16. 16
  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21
  22. 22
  23. 23
  24. 24
  25. 25
  26. 26
  27. 27
  28. 28
  29. 29
  30. 30
  31. 31
  32. 32
  33. 33
  34. 34
  35. 35
  36. 36
  37. 37
  38. 38
  39. 39
  40. 40
  41. 41
  42. 42
  43. 43
  44. 44
  45. 45
  46. 46
  47. 47
  48. 48
  49. 49
  50. 50
  51. 51
  52. 52
  53. 53
  54. 54
  55. 55
  56. 56
  57. 57
  58. 58
  59. 59
  60. 60
  61. 61
  62. 62
  63. 63
  64. 64
  65. 65
  66. 66

पुराना विधान

नया विधान

यशायाह 19 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. मिस्र के विषय में भारी भविष्यवाणी। देखो, यहोवा शीघ्र उड़ने वाले बादल पर सवार हो कर मिस्र में आ रहा है;

2. और मिस्र की मूरतें उसके आने से थरथरा उठेंगी, और मिस्रियों का हृदय पानी-पानी हो जाएगा। और मैं मिस्रियों को एक दूसरे के विरुद्ध उभारूंगा, और वे आपस में लड़ेंगे, प्रत्येक अपने भाई से और हर एक अपने पड़ोसी से लड़ेगा, नगर नगर में और राज्य राज्य में युद्ध छिड़ेंगा;

3. और मिस्रियों की बुद्धि मारी जाएगी और मैं उनकी युक्तियों को व्यर्थ कर दूंगा; और वे अपनी मूरतों के पास और ओझों और फुसफुसाने वाले टोन्हों के पास जा जा कर उन से पूछेंगे;

4. परन्तु मैं मिस्रियों को एक कठोर स्वामी के हाथ में कर दूंगा; और एक क्रूर राजा उन पर प्रभुता करेगा, प्रभु सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥

5. और समुद्र का जल सूख जाएगा, और महानदी सूख कर खाली हो जाएगी;

6. और नाले बसाने लगेंगे, और मिस्र की नहरें भी सूख जाएंगी, और नरकट और हूगले कुम्हला जाएंगे।

7. नील नदी के तीर पर के कछार की घास, और जो कुछ नील नदी के पास बोया जाएगा वह सूखकर नष्ट हो जाएगा, और उसका पता तक न लगेगा।

8. सब मछुवे जितने नील नदी में बंसी डालते हैं विलाप करेंगे और लम्बी लम्बी सासें लेंगे, और जो जल के ऊपर जाल फेंकते हैं वे निर्बल हो जाएंगे।

9. फिर जो लोग धुने हुए सन से काम करते हैं और जो सूत से बुनते हैं उनकी आशा टूट जाएगी।

10. मिस्र के रईस तो निराश और उसके सब मजदूर उदास हो जाएंगे॥

11. निश्चय सोअन के सब हाकिम मूर्ख हैं; और फिरौन के बुद्धिमान मन्त्रियों की युक्ति पशु की सी ठहरी। फिर तुम फिरौन से कैसे कह सकते हो कि मैं बुद्धिमानों का पुत्र और प्राचीन राजाओं की सन्तान हूं?

12. अब तेरे बुद्धिमान कहां है? सेनाओं के यहोवा ने मिस्र के विषय जो युक्ति की है, उसको यदि वे जानते हों तो तुझे बताएं।

13. सोअन के हाकिम मूढ़ बन गए हैं, नोप के हाकिमों ने धोखा खाया है; और जिन पर मिस्र के गोत्रों के प्रधान लोगों का भरोसा था उन्होंने मिस्र को भरमा दिया है।

14. यहोवा ने उस में भ्रमता उत्पन्न की है; उन्होंने मिस्र को उसके सारे कामों में वमन करते हुए मतवाले की नाईं डगमगा दिया है।

15. और मिस्र के लिये कोई ऐसा काम न रहेगा जो सिर वा पूंछ से अथवा प्रधान वा साधारण से हो सके॥

16. उस समय मिस्री, स्त्रियों के समान हो जाएंगे, और सेनाओं का यहोवा जो अपना हाथ उन पर बढ़ाएगा उसके डर के मारे वे थरथराएंगे और कांप उठेंगे।

17. ओर यहूदा का देश मिस्र के लिये यहां तक भय का कारण होगा कि जो कोई उसकी चर्चा सुनेगा वह थरथरा उठेगा; सेनाओं के यहोवा की उस युक्ति का यही फल होगा जो वह मिस्र के विरुद्ध करता है॥

18. उस समय मिस्र देश में पांच नगर होंगे जिनके लोग कनान की भाषा बोलेंगे और यहोवा की शपथ खायेंगे। उन में से एक का नाम नाशनगर रखा जाएगा॥

19. उस समय मिस्र देश के बीच में यहोवा के लिये एक वेदी होगी, और उसके सिवाने के पास यहोवा के लिये एक खंभा खड़ा होगा।

20. वह मिस्र देश में सेनाओं के यहोवा के लिये चिन्ह और साक्षी ठहरेगा; और जब वे अंधेर करने वाले के कारण यहोवा की दोहाई देंगे, तब वह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजेगा, और उन्हें मुक्त करेगा।

21. तब यहोवा अपने आप को मिस्रियों पर प्रगट करेगा; और मिस्री उस समय यहोवा को पहिचानेंगे और मेलबलि और अन्नबलि चढ़ा कर उसकी उपासना करेंगे, और यहोवा के लिये मन्नत मान कर पूरी भी करेंगे।

22. और यहोवा मिस्रियों को मारेगा, वह मारेगा और चंगा भी करेगा, और वे यहोवा की ओर फिरेंगे और वह उनकी बिनती सुनकर उन को चंगा करेगा॥

23. उस समय मिस्र से अश्शूर जाने का एक राजमार्ग होगा, और अश्शूरी मिस्र में आएंगे और मिस्री लोग अश्शूर को जाएंगे, और मिस्री अश्शूरियों के संग मिलकर आराधना करेंगे॥

24. उस समय इस्राएल, मिस्र और अश्शूर तीनों मिलकर पृथ्वी के लिये आशीष का कारण होंगे।

25. क्योंकि सेनाओं का यहोवा उन तीनों को यह कह कर आशीष देगा, धन्य हो मेरी प्रजा मिस्र, और मेरा रचा हुआ अश्शूर, और मेरा निज भाग इस्राएल॥