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यशायाह 10:2-8 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

2. कि वे कंगालों का न्याय बिगाड़ें और मेरी प्रजा के दीन लोगों का हक मारें, कि वे विधवाओं को लूटें और अनाथों का माल अपना लें!

3. तुम दण्ड के दिन और उस आपत्ति के दिन जो दूर से आएगी क्या करोगे? तुम सहायता के लिये किसके पास भाग कर जाओगे?

4. और तुम अपने वैभव को कहां रख छोड़ोगे? वे केवल बंधुओं के पैरों के पास गिर पड़ेंगे और मरे हुओं के नीचे दबे पड़े रहेंगे। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥

5. अश्शूर पर हाय, जो मेरे क्रोध का लठ और मेरे हाथ में का सोंटा है! वह मेरा क्रोध है।

6. मैं उसको एक भक्तिहीन जाति के विरुद्ध भेजूंगा, और जिन लोगों पर मेरा रोष भड़का है उनके विरुद्ध उसको आज्ञा दूंगा कि छीन छान करे और लूट ले, और उन को सड़कों की कीच के समान लताड़े।

7. परन्तु उसकी ऐसी मनसा न होगी, न उसके मन में ऐसा विचार है; क्योंकि उसके मन में यही है कि मैं बहुत सी जातियों का नाश और अन्त कर डालूं।

8. क्योंकि वह कहता है, क्या मेरे सब हाकिम राजा के तुल्य नहीं है?

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