4. उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है!
5. पहाड़ यहोवा के साम्हने, मोम की नाईं पिघल गए, अर्थात सारी पृथ्वी के परमेश्वर के साम्हने॥
6. आकाश ने उसके धर्म की साक्षी दी; और देश देश के सब लोगों ने उसकी महिमा देखी है।
7. जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत करो।