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भजन संहिता 94:4-15 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

4. वे बकते और ढ़िठाई की बातें बोलते हैं, सब अनर्थकारी बड़ाई मारते हैं।

5. हे यहोवा, वे तेरी प्रजा को पीस डालते हैं, वे तेरे निज भाग को दु:ख देते हैं।

6. वे विधवा और परदेशी का घात करते, और अनाथों को मार डालते हैं;

7. और कहते हैं, कि याह न देखेगा, याकूब का परमेश्वर विचार न करेगा॥

8. तुम जो प्रजा में पशु सरीखे हो, विचार करो; और हे मूर्खों तुम कब तक बुद्धिमान हो जाओगे?

9. जिसने कान दिया, क्या वह आप नहीं सुनता? जिसने आंख रची, क्या वह आप नहीं देखता?

10. जो जाति जाति को ताड़ना देता, और मनुष्य को ज्ञान सिखाता है, क्या वह न समझाएगा?

11. यहोवा मनुष्य की कल्पनाओं को तो जानता है कि वे मिथ्या हैं॥

12. हे याह, क्या ही धन्य है वह पुरूष जिस को तू ताड़ना देता है, और अपनी व्यवस्था सिखाता है,

13. क्योंकि तू उसको विपत्ति के दिनों में उस समय तक चैन देता रहता है, जब तक दुष्टों के लिये गड़हा नहीं खोदा जाता।

14. क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा को न तजेगा, वह अपने निज भाग को न छोड़ेगा;

15. परन्तु न्याय फिर धर्म के अनुसार किया जाएगा, और सारे सीधे मन वाले उसके पीछे पीछे हो लेंगे॥

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