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भजन संहिता 78:42-56 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

42. उन्होने न तो उसका भुजबल स्मरण किया, न वह दिन जब उसने उन को द्रोही के वश से छुड़ाया था;

43. कि उसने क्योंकर अपने चिन्ह मिस्त्र में, और अपने चमत्कार सोअन के मैदान में किए थे।

44. उसने तो मिस्त्रियों की नहरों को लोहू बना डाला, और वे अपनी नदियों का जल पी न सके।

45. उसने उनके बीच में डांस भेजे जिन्होंने उन्हे काट खाया, और मेंढक भी भेजे, जिन्होंने उनका बिगाड़ किया।

46. उसने उनकी भूमि की उपज कीड़ों को, और उनकी खेतीबारी टिड्डयों को खिला दी थी।

47. उसने उनकी दाखलताओं को ओेलों से, और उनके गूलर के पेड़ों को बड़े बड़े पत्थर बरसा कर नाश किया।

48. उसने उनके पशुओं को ओलों से, और उनके ढोरों को बिजलियों से मिटा दिया।

49. उसने उनके ऊपर अपना प्रचणड क्रोध और रोष भड़काया, और उन्हे संकट में डाला, और दुखदाई दूतों का दल भेजा।

50. उसने अपने क्रोध का मार्ग खोला, और उनके प्राणों को मृत्यु से न बचाया, परन्तु उन को मरी के वश में कर दिया।

51. उसने मित्र के सब पहिलौठों को मारा, जो हाम के डेरों में पौरूष के पहिले फल थे;

52. परन्तु अपनी प्रजा को भेड़- बकरियों की नाईं प्रस्थान कराया, और जंगल में उनकी अगुवाई पशुओं के झुण्ड की सी की।

53. तब वे उसके चलाने से बेखटके चले और उन को कुछ भय न हुआ, परन्तु उनके शत्रु समुद्र में डूब गए।

54. और उसने उन को अपने पवित्र देश के सिवाने तक, इसी पहाड़ी देश में पहुंचाया, जो उसने अपने दाहिने हाथ से प्राप्त किया था।

55. उसने उनके साम्हने से अन्यजातियों को भगा दिया; और उनकी भूमि को डोरी से माप माप कर बांट दिया; और इस्त्राएल के गोत्रों को उनके डेरों में बसाया॥

56. तौभी उन्होने परमप्रधान परमेश्वर की परीक्षा की और उससे बलवा किया, और उसकी चितौनियों को न माना,

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