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भजन संहिता 78:28-35 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

28. और उनकी छावनी के बीच में, उनके निवासों के चारों ओर गिराए।

29. और वे खाकर अति तृप्त हुए, और उसने उनकी कामना पूरी की।

30. उनकी कामना बनी ही रही, उनका भोजन उनके मुंह ही में था,

31. कि परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़का, और उसने उनके हृष्टपुष्टों को घात किया, और इस्त्राएल के जवानों को गिरा दिया॥

32. इतने पर भी वे और अधिक पाप करते गए; और परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों की प्रतीति न की।

33. तब उसने उनके दिनों को व्यर्थ श्रम में, और उनके वर्षों को घबराहट में कटवाया।

34. जब जब वह उन्हे घात करने लगता, तब तब वे उसको पूछते थे; और फिरकर ईश्वर को यत्न से खोजते थे।

35. और उन को स्मरण होता था कि परमेश्वर हमारी चट्टान है, और परमप्रधान ईश्वर हमारा छुड़ाने वाला है।

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