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भजन संहिता 78:13-26 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. उसने समुद्र को दो भाग करके उन्हे पार कर दिया, और जल को ढ़ेर की नाईं खड़ा कर दिया।

14. और उसने दिन को बादल के खम्भों से और रात भर अग्नि के प्रकाश के द्धारा उनकी अगुवाई की।

15. वह जंगल में चट्टानें फाड़कर, उन को मानो गहिरे जलाशयों से मनमाने पिलाता था।

16. उसने चट्टान से भी धाराएं निकालीं और नदियों का सा जल बहाया॥

17. तौभी वे फिर उसके विरुद्ध अधिक पाप करते गए, और निर्जल देश में परमप्रधान के विरुद्ध उठते रहे।

18. और अपनी चाह के अनुसार भोजन मांग कर मन ही मन ईश्वर की परीक्षा की।

19. वे परमेश्वर के विरुद्ध बोले, और कहने लगे, क्या ईश्वर जंगल में मेज लगा सकता है?

20. उसने चट्टान पर मार के जल बहा तो दिया, और धाराएं उमण्ड़ चली, परन्तु क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपनी प्रजा के लिये मांस भी तैयार कर सकता?

21. यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूब के बीच आग लगी, और इस्त्राएल के विरुद्ध क्रोध भड़का;

22. इसलिए कि उन्होंने परमेश्वर पर विश्वास नहीं रखा था, न उसकी उद्धार करने की शक्ति पर भरोसा किया।

23. तौभी उसने आकाश को आज्ञा दी, और स्वर्ग के द्वारों को खोला;

24. और उनके लिये खाने को मन्ना बरसाया, और उन्हे स्वर्ग का अन्न दिया।

25. उन को शूरवीरों की सी रोटी मिली; उसने उन को मनमाना भोजन दिया।

26. उसने आकाश में पुरवाई को चलाया, और अपनी शक्ति से दक्खिनी बहाई;

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