पुराना विधान

नया विधान

भजन संहिता 77:1-13 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा।

2. संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं।

3. मैं परमेश्वर का स्मरण कर करके करहाता हूं; मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला)

4. तू मुझे झपक्की लगने नहीं देता; मैं ऐसा घबराया हूं कि मेरे मुंह से बात नहीं निकलती॥

5. मैंने प्राचीन काल के दिनों को, और युग युग के वर्षों को सोचा है।

6. मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता; और मन में ध्यान करता हूं, और मन में भली भांति विचार करता हूं:

7. क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्न न होगा?

8. क्या उसकी करूणा सदा के लिये जाती रही? क्या उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है?

9. क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उसने क्रोध करके अपनी सब दया को रोक रखा है? (सेला)

10. मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु मैं परमप्रधान के दाहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं॥

11. मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा।

12. मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूंगा।

13. हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है?

पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 77