1. हे परमेश्वर तू ने हम को त्याग दिया, और हम को तोड़ डाला है; तू क्रोधित हुआ; फिर हम को ज्यों का त्यों कर दे।
2. तू ने भूमि को कंपाया और फाड़ डाला है; उसकी दरारों को भर दे, क्योंकि वह डगमगा रही है।
3. तू ने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया; तू ने हमें लड़खड़ा देने वाला दाखमधु पिलाया है॥