5. मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो, जिन्होंने बलिदान चढ़ाकर मुझ से वाचा बान्धी है!
6. और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा क्योंकि परमेश्वर तो आप ही न्यायी है॥
7. हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूं, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूं। परमेश्वर तेरा परमेश्वर मैं ही हूं।
8. मैं तुझ पर तेरे मेल बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।
9. मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशुशालों से बकरे ले लूंगा।
10. क्योंकि वन के सारे जीवजन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।
11. पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूं, और मैदान पर चलने फिरने वाले जानवार मेरे ही हैं॥
12. यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत और जो कुछ उस में है वह मेरा है।
13. क्या मैं बैल का मांस खाऊं, वा बकरों का लोहू पीऊं?
14. परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर;