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भजन संहिता 35:10-17 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

10. मेरी हड्डी हड्डी कहेगी, हे यहोवा तेरे तुल्य कौन है, जो दीन को बड़े बड़े बलवन्तों से बचाता है, और लुटेरों से दीन दरिद्र लोगों की रक्षा करता है?

11. झूठे साक्षी खड़े होते हैं; और जो बात मैं नहीं जानता, वही मुझ से पूछते हैं।

12. वे मुझ से भलाई के बदले बुराई करते हैं; यहां तक कि मेरा प्राण ऊब जाता है।

13. जब वे रोगी थे तब तो मैं टाट पहिने रहा, और उपवास कर करके दु:ख उठाता रहा; और मेरी प्रार्थना का फल मेरी गोद में लौट आया।

14. मैं ऐसा भाव रखता था कि मानो वे मेरे संगी वा भाई हैं; जैसा कोई माता के लिये विलाप करता हो, वैसा ही मैं ने शोक का पहिरावा पहिने हुए सिर झुकाकर शोक किया॥

15. परन्तु जब मैं लंगड़ाने लगा तब वे लोग आनन्दित होकर इकट्ठे हुए, नीच लोग और जिन्हें मैं जानता भी न था वे मेरे विरुद्ध इकट्ठे हुए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;

16. उन पाखण्डी भांड़ों की नाईं जो पेट के लिये उपहास करते हैं, वे भी मुझ पर दांत पीसते हैं॥

17. हे प्रभु तू कब तक देखता रहेगा? इस विपत्ति से, जिस में उन्होंने मुझे डाला है मुझ को छुड़ा! जवान सिंहों से मेरे प्राण को बचा ले!

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