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भजन संहिता 32:1-4 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो।

2. क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो॥

3. जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई।

4. क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई॥

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