1. हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर;
2. उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी है,
3. कि निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूंगा, और ने अपने पलंग पर चढूंगा;
4. न अपनी आंखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दूंगा,